बिगड़ैल राजनेता करनी पर आ जाए तो कुछ भी उलटा सीधा कर जाते हैं। आनी की जनता पिछले 10 सालों से नेताओं के आगे गिड़गिड़ाती रही कि, “हमारे कॉलेज को बर्बाद मत करो, यहां से स्टाफ बाहर मत भेजो,..मत भेजो…अन्यथा अपना कालेज होने के बावजूद हमें बच्चों को पढ़ाने के लिए फिर से दूर भेजना पड़ेगा।”
लेकिन कहा जाता है कि सत्ता का नशा जब सर चढ़ कर बोलता है तो आम जनता की पुकार कानों में नहीं पड़ती। परिणाम स्वरूप आनी कालेज से एक- एक कर साइंस, कॉमर्स, टूरिज्म, आईटी विषयों सहित करीब 18 प्रोफेसरों व प्रवक्ताओं को यहां से उनकी सहूलियत की जगह शिफ्ट कर दिया गया और लोग हाथ मलते रह गए….। सत्ताधीशों ने पीड़ित जनता की एक नहीं सुनी।
सौभाग्य से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह हाल ही में आनी के दौरे पर आए तो स्थानीय कुछ जागरूक लोगों ने उनके संज्ञान में कालेज का मामला लाया। मुख्यमंत्री को बताया गया कि उन्होंने आनी में करीब एक दशक पूर्व जिस कालेज की स्थापना की थी, आज उसकी हालत दयनीय है। कालेज में स्वीकृत कुल 65 पदों में से 44 रिक्त पड़े हैं। वीरभद्र सिंह यह सुनकर खिन्न हो गए। उन्होंने तुरंत कालेज का निरीक्षण करने का निर्णय लिया और वे करीब एक घंटे तक कालेज में रहे।
गुस्साए मुख्यमंत्री ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि, “कालेज से शिफ्ट किये गये प्रोफेसर एवं प्रवक्ता प्रदेश के किसी भी कोने में होंगे, उन्हें तुरंत वापस लाउंगा। आनाकानी करेंगे तो उन्हें सस्पेंड कर दूंगा।” उन्होंने कहा कि इस कालेज से आनी ही नहीं मंडी जिले की भी कई पंचायतें लाभांवित होती हैं। इसे बर्बाद नहीं होने दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि वे आनी कालेज को एक आदर्श कालेज बनाएंगे। कालेज में सुधार के लिए उन्होंने अनेक घोषणाएं भी कीं।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं से स्थानीय लोगों में फिर से उत्साह जाग उठा है। सोशल मीडिया में भी लोग खूब प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और कामना कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री की ये घोषणाएं शीघ्र पूरी हों। हालांकि एक प्रतिक्रिया में अमर एएस भलैक कहते हैं-
Amar AS Bhalaik झूठी उम्मीद पे दिल बेक़रार कौन करे, तेरे वादों का मगर एतबार कौन करे।