नैनीताल। पहाड़ी महिलाओं ने अवैध शराब के कारोबारियों पर धावा बोल दिया है। महिलाएं एक ओर जहां
नैनीताल जिले में रामनगर के निकट मालधन में भी गत दिवस महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर जुलूस-सभा की और इसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि तुमडि़या डैम के पार अवैध शराब की भट्ठियां लगी हैं। तुरंत सभी महिलाएं नाव में बैठकर तुमडि़या डैम के पार पहुंचीं। वहां उन्हें पांच अलग-अलग जगहों पर शराब बनाने की भट्ठियां मिलीं, जिनके समीप लाहन के छह ड्रम व बड़े-बड़े बर्तन रखे थे। महिलाओं ने इसकी सूचना पुलिस को भी दी और भट्ठियों व अन्य सामान की तोड़फोड़ में जुट गईं। पुलिस ने भी तुरंत मौके पर पहुंच कर इस कार्य में महिलाओं का साथ दिया।
महिला समाख्या की बसंती पाठक, पुष्पा पानू, प्रेमा बिष्ट, प्रेमा जोशी, दीपा, रेवती, तुलसी देवी, गंगा देवी, पुष्पा, ममता देवी, कंचन, मालती, चंद्रा, कंचन, कमला उपाध्याय, रमा, सरस्वती, आनंदी देवी आदि ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अवैध कच्ची शराब के कारण गांवों में घर-परिवार बर्बाद हो रहे हैं। युवाओं में नशाखोरी चिंताजनक रूप से घर कर रही है। गांवों में घरेलु हिंसा व छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं का मुख्य कारण भी यही शराब है, लेकिन शासन-प्रशासन को इसकी कोई चिंता नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि गांवों में अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश नहीं लगा तो वे आक्रामक रुख अपनाते हुए आंदोलन को चारों ओर फैलाएंगी। जरूरती पड़ी तो वे देहरादून जाकर भी प्रदर्शन करेंगी।
आंदोलनकारी महिलाओं ने कहा कि डैम पार कच्ची शराब बनाने के लिए बड़े पैमाने पर वन संपदा को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने मौके पर वनों से काटकर लाई गई लकड़ी के बड़े-बड़े ढेर लगे देखे। यह लकड़ी शराब की भट्ठियां जलाने में प्रयोग की जाती है, लेकिन वन विभाग आंखें मूंदे हुए है। इस संबंध में क्षेत्र के डीएफओ राहुल से बात की गई तो उनका कहना था कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। संबंधित क्षेत्र के रेंजर को इस बारे में कड़ी नजर रखने को कहा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के अनेक पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाओं और शराब माफिया के मध्य सीधा टकराव चल रहा है। गांवों में शराब पीने और पिलाने पर पूर्ण पाबंदी घोषित की गई है। पाबंदी का उल्लंघन करने वालों की बिच्छू घास से पिटाई की जाती है।