जयपुर। दिल्ली में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) का भय राजनीतिक दलों को खूब सताने लगा है। कांग्रेस हो या भाजपा
वसुंधरा राजे ने निर्णय लिया है कि वे अब सरकारी विमान के बजाय साधारण रूटीन फ्लाइट से ही यात्रा करेंगी। उन्होंने अपनी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों की संख्या आधी करने के साथ ही काफिले में गाड़ियों की संख्या भी कम कर दी है। आम आदमी की तरह वसुंधरा भी सड़क पर लालबत्ती पर रुकेंगी। इसके अलावा उन्होंने जनता की सुलभता को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट होने के बजाय अपने पुराने बंगले में ही रहने का निर्णय किया है।
मुख्यमंत्री ने अब प्रतिदिन जन सुनवाई करने का भी फैसला लिया है। आने वाली शिकायतों के निस्तारण की अवधि भी तय की गई है। अब तक सभी मुख्यमंत्री सप्ताह में केवल एक दिन जन सुनवाई करते थे। मंत्रियों को भी सुबह एक घंटा अपने आवास पर लोगों की शिकायतें सुनने के लिए कहा गया है।
वसुंधरा के इस फैसले को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा लिए गए निर्णयों से जोड़कर देखा जा रहा है। केजरीवाल ने इसी तरह के निर्णय किए, जिनका आम जनता में काफी असर हुआ। दिल्ली में आप पार्टी की सरकार बने अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है और उन्होंने अपने दो महत्वपूर्ण चुनावी वायदे पूरे कर लिए। दिल्ली की जनता को पहली जनवरी से सात सौ लीटर पानी मुफ्त दिया जा रहा है और बिजली की दरें भी वायदे के अनुसार आधी कर दी गई है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में टैंटों में रह रही गरीब जनता के लिए मात्र चार दिन के भीतर रैन बसेरे बनाकर देने की भी घोषणा की और इसे पूरा करने के लिए दिन-रात काम चल रहा है। अभी तक इस तरह के कार्य मात्र कागजों और घोषणाओं में ही होते थे।