ऊना। बढ़ती महंगाई के इस दौर में शिक्षकों के लिए प्रदेश में ‘मिड डे मील’ योजना गले की फांस बन गई है। अब प्रति छात्र
‘मिड डे मील’ के लिए इस समय मात्र 3 रुपये 34 पैसे प्रति छात्र बजट निर्धारित है। सरकार ने प्रति छात्र जो डाइट चार्ट बनाया है, उसमें- सब्जी-60 ग्राम, दाल-30 ग्राम, प्याज 10 ग्राम, आलू-15 ग्राम, नमक-अढ़ाई ग्राम, घी-5 ग्राम, चीनी-40 ग्राम, न्यूट्रीन-5 ग्राम और ड्राई फ्रूट 6 ग्राम शामिल है। भोजन पकाने के लिए कुकिंग गैस भी इस्तेमाल होती है। शिक्षकों को यह सब मात्र 3.34 रुपये में जुटाना होता है, जो महंगाई के कारण अब संभव नहीं रह गया है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनय शर्मा कहते हैं कि जब सिलेंडर 380 से 450 रुपये तक मिलता था, तब कुल कुकिंग कास्ट तीन रुपये 11 पैसे निर्धारित थी, लेकिन अब बाजार में हर वस्तु का मूल्य 25 से 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है और सिलेंडर भी 1000 रुपये से 1100 रुपये में मिल रहा है। ऐसे में मिड डे मील योजना को चलाए रखाना शिक्षकों के बस के बाहर हो गया है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रवक्ता महेश शारदा का कहना है कि शिक्षकों ने जेब से हजारों रुपये खर्च कर सरकार की योजना को किसी भी तरह चलाए रखा है। इससे उनके अपने घर का बजट भी गड़बड़ा गया है। उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में इस योजना को चलाए रखना बहुत कठिन हो गया है, क्योंकि सितंबर 2012 के बाद बाजार में हर चीज बहुत महंगी हो गई है, लेकिन मिड डे मील का बजट वही है। शिक्षक नेताओं ने सरकार से मांग की है कि महंगाई को देखते हुए इस योजना के बजट में बढ़ोतरी की जाए।
उच्च शिक्षा उपनिदेशक आरसी टबयाल और प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक निर्मल रानी से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में इस मामले को उठाया जाएगा।