उत्तरकाशी। प्राकृतिक आपदा के दौरान अपना सब कुछ गंवा चुके भाटूसौड़ क्षेत्र के 11 परिवारों के सदस्य अंततः
बीते साल जून माह में आई बाढ़ में मनेरी भाटूसौड़ क्षेत्र के 11 परिवारों के घर व खेत सभी बह गए थे और उसके बाद से वे एक सरकारी कॉलोनी में शरण लिए हुए हैं। आपदा को बीते सात माह से भी ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन सरकार ने पीड़ित परिवारों को न कोई मुआवजा दिया और न ही उनके पुनर्वास के लिए ही कुछ किया गया।
कलक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन पर बैठे शिवचंद, विनोद, बद्रीचंद, मीना, बनीता, शिवकुमारी, एतवारी, अनुरानी और संगीता आदि ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने गत वर्ष अक्तूबर माह में भी आमरण अनशन किया था। उस समय प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद उन्होंने अनशन तोड़ दिया था, लेकिन आश्वासन पूरा नहीं किया गया। पीड़ितों ने बताया कि इस बारे में उन्होंने हाल ही में भी जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया, लेकिन किसी के भी कान पर जूं तक नहीं रेंगी। अंततः उनके पास आमरण अनशन पर बैठने के सिवा कोई विकल्प ही नहीं बचा।
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