शिमला। हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों को लंबे समय तक लटकाए रखने की ठेकेदारों की बढ़ती प्रवृत्ति पर यह सटीक चोट है। लेटलतीफ ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई का यह मामला लोक निर्माण विभाग के चंबा मंडल का है। बेहतर होगा यदि इस तरह की कार्रवाई पूरे प्रदेश में अमल में लाई जाए।
लोकनिर्माण विभाग चंबा मंडल ने सड़कों के निर्माण में लेटलतीफी करने पर एक ठेकेदार को 2.90 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और उसे आवंटित चारों टेंडरों को भी रद्द कर दिया गया है। विभाग की इस कार्रवाई से जिलाभर के ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है, क्योंकि ठेकेदारों द्वारा विकास कार्यों में लेटलतीफी बरतने की शिकायतें यहां सबसे अधिक हैं।
लोक निर्माण विभाग ने ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ठेकेदार को रजेरा-बैली, साच-फतेहपुर, सनोथा और घार के लिए सड़कों के निर्माण कार्य का टेंडर आवंटित किया था, लेकिन वह निर्माण कार्य में लगातार लेटलतीफी कर रहा था। कार्य को एग्रीमेंट के अनुसार समय पर पूर्ण करने के लिए विभाग ने ठेकेदार को कई बार नोटिस भी जारी किए, लेकिन ठेकेदार ने उसकी कोई परवाह नहीं की।
अंततः लोनिवि के अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार को 2.90 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाने और उसे आवंटित चारों टेंडर रद्द किए जाने की रिपोर्ट बनाकर विभाग के मुख्य अभियंता को भेजी। मुख्य अभियंता ने विभागीय रिपोर्ट के आधार पर कड़ा संज्ञान लेते हुए ठेकेदार को 2.90 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश दिए और उसे आवंटित चारों टेंडर भी रद्द कर दिए। अब इन कार्यों के लिए नए सिरे से टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।
आम जनता लोनिवि चंबा मंडल की ओर से की गई कार्रवाई की तारीफ कर रही है, क्योंकि संबंधित क्षेत्रों के लोग बार- बार ठेकेदार की लेटलतीफी को लेकर अधिशासी अभियंता से शिकायत कर रहे थे।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता जीत सिंह ठाकुर ने बताया कि चार सड़कों के निर्माण में लेटलतीफी और टेंडर एग्रीमेंट की अवहेलना करने पर ठेकेदार को 2.90 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है और साथ ही ठेकेदार के इन चारों टेंडरों को भी रद्द किया गया है। यह कार्रवाई विभाग के मुख्य अभियंता के आदेशानुसार अमल में लाई गई है।