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ब्लॉगः सुकून भरी सांझ के लिए उत्साह भरी सुबह

आज के दौर में जहां अफसरों को नेताओं के आगे-पीछे घूमते और सत्ता के साथ मिलकर जनता के हिस्से की मलाई चट करने का उदाहरण कहीं भी ढूंढा जा सकता है,

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वहीं छोटे से हिमाचल में अफसरों की एक नयी जमात नए ज़ज्बे के साथ उमीदों का नया सूरज दिखा रही है। ये तमाम अफसर युवा हैं जोश से लबरेज़ हैं और यही वजह है कि इन्होंने जो शुरुआत की है वो अलग हट कर है।

आम तौर पर जब कोई आईएएस या आईपीएस में चयनित हो जाता है तो सामान्य सोच के तहत यही कहा जाता है कि बस अब आराम से कटेगी। लेकिन ये अफसर उनमें से नहीं जो आरामपरस्ती के लिए आये हैं। इनमें एक अलग जुनून है। अब देखिये न एक जिले का डीसी बेटी पैदा होते ही लोगों के घर गुड़िया, खिलौने लेकर पहुंच जाता है बधाई देने तो दूसरा सवेरे ही किसी स्कूल में बच्चों के बीच पहुंच कर ये जांचता फिर रहा है कि आखिर गुरुजन क्या पढ़ा रहे हैं? और उसका कितना असर बच्चों पर हो रहा है? और जब यह अफसर स्कूलों के दौरे पर बच्चों को प्रेरणा दे रहे होते हैं तो दूसरे जिले में उनकी पत्नी ऐसी बच्चियों की खोज में लगी होती हैं जो मेधावी तो हैं, पर गरीबी के चलते आगे नहीं पढ़ पा रहीं। ऐसी बच्चियों के लिए मंदिरों का खजाना खुलवाया जा रहा है ताकि बेटियां पढ़ सकें और उनके साथ- साथ समाज में भी नयी मुस्कान  बिखर सके।

इसी बीच तीसरा अफसर बिना सरकारी अमले के साइकिल उठाकर जिले के दौरे पर निकल पड़ता है ये जानने के लिए कि प्रशासनिक अमला सिर्फ बत्ती वाली कार देखकर ही हरकत में आता है या उसे साइकिल वाले आम लोगों की भी परवाह है या नहीं? इसी तरह जहां प्रदेश के पुलिस थानों में हजारों अर्जियां इसलिए अनसुलझी पड़ी हैं कि अफसर के पास वाहन या पेट्रोल नहीं है, वहीं एक आईपीएस साइकिल पर शिमला से नाहन थाने का निरीक्षण करने पहुंच जाता है।

वरिष्ठ पत्रकार संजीव शर्मा दैनिक न्याय सेतु के संपादक हैं।

ये सब इसलिए नहीं हो रहा कि इनको अखबारी सुर्ख़ियों में रहना है या फिर किसी साइकिल चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है। बल्कि इसके पीछे एक सन्देश है, एक जुनून है। जनसेवा की जो कसम प्रशिक्षण के दौरान ली है उसे मूर्त रूप देने का प्रयास है। फिर चाहे संदीप कदम को कोई गुड़िया वाला बाबू कहे या रोहण चंद को कोई हेड मास्टर, मानसी सहाय को कोई सनकी बोले या रितेश चौहान और अभिषेक दुल्लर को हवा-हवाई कहें, इसका कोई फर्क नहीं पड़ता। ये लोग एक ऐसे सफ़र पर निकले हैं जो उमीदों भरा है। हमें सिर्फ इनके ज़ज्बे को आगे बढ़ाना होगा। हम पांच को सराहेंगे तो पचास अन्यों को प्रेरणा मिलेगी। इसी तरह काफिला बढ़ता जायेगा। और तब परिणिति की चिंता भी नहीं होगी, क्योंकि नतीजे हमें पहले ही पता रहेंगे कि इससे जनता की ही भलाई होगी।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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