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देहरादून (ऋषिकेश)। माहौल बहुत गमगीन हो गया था। बीडी कपरवाण राज्य में होमगार्ड के रूप में 36 वर्ष सेवा करने के बाद सेवानिवृत्त हो गए और सरकारी कुनीतियों के चलते बिल्कुल खाली हाथ घर लौट रहे थे। ऋषिकेश तहसील परिसर में सहयोगियों ने श्रीकपरवाण के लिए विदाई समाहोर आयोजित किया, लेकिन हर कोई मायूस था और यही कह रहा था कि सारी जिंदगी पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले होमगार्डज को सेवानिवृत्ति के समय इस तरह खाली हाथ घर लौटा देना कितना अमानवीय है। सत्ता में बैठे महानुभावों को कब इसका अहसास होगा?
घमंडपुर रानीपोखरी निवासी बीडी कपरवाण जून 1977 में होमगार्ड में शामिल हुए थे। होमगार्ड के रूप में बीडी कपरवाण ने संयुक्त उत्तरप्रदेश के विभिन्न विभागों में तो अपनी सेवाएं दी हीं, राज्य से बाहर मध्यप्रदेश व हिमाचल प्रदेश में भी उन्होंने ड्यूटी दी। रविवार को बीडी कपरवाण की आयु साठ वर्ष को पार कर गई और उन्हें होमगार्ड से सेवानिवृत्ति दे दी गई। सरकारी कुनीतियों के कारण होमगार्ड पूरी सेवा के दौरान दैनिक भोगी ही रहते हैं और इसी रूप में सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
बीडी कपरवाण ऋषिकेश तहसील में तैनात थे। लंबी सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर बीडी कपरवाण के साथियों ने विदाई दी। तहसील परिसर में आयोजित विदाई समारोह का माहौल पूरी तरह गमगीन था। सभी की जुबान पर यही शब्द थे कि सेवानिवृत्ति के बाद खाली हाथ घर जाना कितना दुखदायी है। उनका कहना था कि होमगार्ड के रूप में कम से कम दस वर्ष तक सेवा करने वालों को तो सेवानिवृत्ति पर कुछ न कुछ रकम दी जानी चाहिए। होमगार्ड धर्मेद्र रावत, चरण सिंह, विनोद ठाकुर आदि ने कहा कि होमगार्ड अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं। मगर, सरकार होमगार्ड की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है। होमगार्ड के जवानों ने आपस में ही कुछ पैसे एकत्र कर 3800 रुपये की धनराशि बीडी कपरवाण को प्रदान की। इस अवसर पर प्लाटून कंमाडर जितेंद्र कुमार, रमेश दत्त राणाकोटी, अमित कपूर, दिनेश सैनी, सखपाल, रमेश चंद्र, विक्रम बिष्ट आदि उपस्थित थे।
होमगार्ड के जिला कमांडेंट डॉ. राहुल सचान ने इस अवसर पर कहा कि होमगार्ड के जवानों को सेवानिवृत्ति पर कुछ भी नहीं दिया जाता है, यह वाकई एक बड़ी विडंबना है। इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन उस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। होमगार्ड को कंटीन और अस्पतालों में सुविधाएं दिए जाने को लेकर भी प्रस्ताव भेजे गए हैं।