बद्दी। हिमाचल प्रदेश में दवा उद्योग फिर से कटघरे में आ गया है। एक उच्च स्तरीय जांच में राज्य के विभिन्न 12 दवा
केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने गत जून माह में देश भर में दवा उद्योगों के सेंपल भरे थे, जिसमें हिमाचल प्रदेश विभिन्न 12 दवा उद्योगों में बन रही 14 दवाइयां निम्न स्तर की पाई गई हैं। दवाइयों के यह सेंपल सीडीएससीओ नार्थ जोन कोलकाता, गाजियाबाद, सीडीएससीओ सब जोन चंडीगढ़, सीडीएससीओ साउथ जोन चैन्नई, सीडीएससीओ वेस्ट जोन, ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट अरूणाचल प्रदेश व आसाम ने भरे थे। इसमें हिमाचल के अतिरिक्त अहमदाबाद, गुजरात, हरिद्वार, देहरादून, कोलकाता, दमन, पितमपुरा, पश्चिम बंगाल, नोयडा, जम्मू- कश्मीर, पुणे और अमृतसर में स्थित कुछ दवा उद्योगों के सेंपल भी फेल हुए हैं। लेकिन इस मामले में हिमाचल प्रदेश की हाल अधिक चिंताजनक मानी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि केंन्द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन ने दिसंबर 2012 से ही देश भर में ड्रग अलर्ट जारी कर रखा है ताकि नकली, मिलावटी या मिसब्रांडेड दवाओं के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया जा सके।
हिमाचल प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाहा ने बताया कि सभी उक्त 12 दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच वापस उठाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दवा निर्माण में गुणवत्ता मानकों की अवहेलना किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।