Warning: substr_count(): Empty substring in /home2/himnefg6/public_html/wp-content/plugins/ads-for-wp/output/functions.php on line 1274
देश में मजदूरों के बुरे दिन आने वाले हैं ! - Himnewspost

Advertising

Categories: राजनीति

देश में मजदूरों के बुरे दिन आने वाले हैं !

नई दिल्ली। देश में किसानों के बाद अब मजदूरों के बुरे दिन आने वाले हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े कारपोरेट घरानों के दबाव में मोदी सरकार इसी मॉनसून सत्र में श्रम कानूनों में विवादास्पद सुधारों के लिए बिल लाने जा रही है। ये वही ‘सुधार’ हैं, जिसमें 300 कर्मचारियों तक वाले उद्योग बिना किसी सूचना एवं मुआवजे के उनकी छंटनी कर सकेंगे। मजदूरों को न संगठन बनाने के अधिकार होगा और न ही हड़ताल करने का। देश में भाजपा शासित सरकारों ने तो इन ‘सुधारों’, जिन्हें ‘हायर एवं फायर’ नीति का नाम दिया गया है, को लागू करना भी शुरू कर दिया है।

स्थिति को देखते हुए वामपंथी दलों और श्रमिक संगठनों ने अभी से इसके विरोध की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उनका कहना है कि अभी तो देश में केवल किसान ही आत्महत्या कर रहे हैं। यदि मोदी सरकार की यह ‘हायर एवं फायर’ नीति लागू हो गई तो देश में मजदूरों की आत्महत्याओं का सिलसिला शुरू हो सकता है।

आर्थिक सुधारों की धीमी रफ्तार, विदेशी निवेशकों की घटती दिलचस्पी और अर्थ व्यवस्था की खराब हालत ने इन दिनों केंद्र सरकार की चिंताएं बढ़ा रखी हैं और वह कठोर कदम उठाने की तैयारियों में जुट गई है। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी एक बार कह चुके हैं कि, ‘‘ देश की प्रगति के लिए यदि हमें कोई बड़ी बदनामी भी झेलनी पड़ जाए तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे।”

श्रम मंत्रालय ने गत 29 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर उद्योगों में रोजगार से जुड़े 1946 के नियमों में संशोधन के लिए नए नियमों का मसौदा प्रकाशित किया था। इस पर 45 दिनों के भीतर सुझाव और आपत्तियां मंगाई गई थीं। संसोधन का मकसद सीमित अवधि के रोजगार का चलन शुरू करना और नियोजकों को बगैर सूचना एवं मुआवजे के कर्मचारियों को निकालने का निर्बाध अधिकार देना है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े कारपोरेट घरानों ने सरकार से कहा है कि जब तक वह ‘हायर एंड फायर’ नीति नहीं लाएगी, तब तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़े निवेश नहीं आएंगे। ज्यादातर भारतीय एवं विदेशी कंपनियों का मानना है कि सरकार की इस नीति से देश में रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा। कंपनियां बगैर किसी बड़े मुआवजे की चिंता किए कर्मचारियों को निकाल सकेंगी।

मोदी सरकार श्रम सुधारों को लागू करने के लिए श्रम मंत्रालय में एक कमेटी की गठन कर चुकी है, जो इस समय कानून का मसौदा तैयार करने में लगी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा।

गौरतलब है कि भाजपा शासित राज्य राजस्थान और मध्य प्रदेश अपने श्रम कानूनों में कुछ सुधार कर भी चुकी हैं, जबकि महाराष्ट्र और हरियाणा की सरकारें तेजी से इस ओर बढ़ रही हैं। हालांकि केंद्र सरकार श्रम सुधारों से जुड़े कानूनों को लोकसभा में तो पारित करा सकती है, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण कठिनाई पेश आ सकती है।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

Recent Posts

पं नेहरू के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मानः शांता कुमार

धर्मशाला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि पालमपुर नगर… Read More

6 months ago

मणिकर्ण में आग लगने से दो मंजिला मकान जलकर राख

कुल्लू। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के गांव सरानाहुली में बुधवार रात को दो मंजिला… Read More

6 months ago

फासीवाद बनाम प्रगतिशील

फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में… Read More

6 months ago

वाईब्रेंट विलेज नमग्या पहुंचे राज्यपाल, स्थानीय संस्कृति एवं आतिथ्य की सराहना की

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के सीमावर्ती… Read More

7 months ago

दुग्ध उत्पादकों के लिए जुमलेबाज ही साबित हुई सुक्खू सरकार

रामपुर। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 80 व 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से… Read More

11 months ago

खुलासाः मानव भारती विवि ने ही बनाई थीं हजारों फर्जी डिग्रियां

शिमला। मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के नाम से जारी हुई फर्जी डिग्रियों में इसी विवि… Read More

11 months ago
Advertisement