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अपनों से गले मिलकर ताजा हुई विभाजन की पीड़ा

हमीरपुर। भारत –पाक विभाजन के समय लाखों परिवार भी टुकड़ों- टुकड़ों बंट कर रह गए। परिवारों का यह विभाजन किस कदर

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पीड़ादायक रहा होगा, इसका कुछ अहसास अकसर दशकों बाद इन बिछुड़े परिजनों के होने वाले मिलन को देखकर हो जाता है। यही दृश्य गत दिवस हमीरपुर जिले के गांव झरनोट में जट्टू खां के घर भी देखने को मिला। पचास वर्ष के हो चुके गुलाम मुर्तजा के तो मारे खुशी के जैसे पैर ही जमीन पर नहीं लग रहे थे। वह बड़ी मुश्किल से पाकिस्तान से वीजा मिलने पर अपने नाना मोहम्मद रमजान के साथ मामा जट्टू खां से मिलने झरनोट गांव आए थे। आंखों में आसू का सैलाब लिए दोनों परिवार एक-दूसरे से ऐसे मिल रहे थे कि खुशी के ये पल बस यहीं थम जाएं…।

पाकिस्तान में वर्ष 1963 में जन्मे गुलाम मुर्तजा पहली बार झरनोट में अपनों से मिलकर बहुत सुकून महसूस कर रहे थे। गुलाम मुर्तजा ने बताया कि वे 14 अगस्त को पाकिस्तान से चलकर भारत व हिमाचल प्रदेश के झरनोट गांव में पहुंचे थे और अब शनिवार को यहां से दिल्ली के रवाना होंगे और रविवार को ही पाकिस्तान के लिए रवाना हो जाएंगे।

उनका कहना था कि वे तो हर साल यहां आने का प्रयास करते थे, लेकिन वीजा नहीं मिलने के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका। इस बार बड़ी मुश्किल से वीजा मिला और यहां मामा व सगे संबंधियों से मुलाकात कर सके। यह मुलाकात उनके जीवन के सबसे मीठे और यादगार क्षण हैं। यहां वे मामा जट्टू खां और अन्य रिश्तेदारों- इलमदीन, हुकमदीन, साहबदीन बबलू खां व नजीर से मिले और अपने परिवार की बातें साझा कीं। मोहम्मद रमजान का कहना था कि फूफा जट्टू खां का प्यार उनको पांचवीं बार झरनोट खींचकर लाया है। भविष्य में भी वे इसी तरह यहां अपनों से मिलने आते रहेंगे।

गुलाम मुर्तजा और उनके नाना मुहम्मद रमजान ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान से केवल झरनोट जाने का ही वीजा दिया गया है, जिसका उन्हें मलाल हैं। हमीरपुर जिले के ही रंगस गांव में फांदी खां, बैहा गुजरेड़ा बली मुहम्मद व सफी मोहम्मद ताल के घर जाने की भी उनकी इच्छा थी, लेकिन वीजा की बंदिशों के कारण वहां नहीं जा पाए। उनका कहना था कि सरकारों को भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्तों में मधुरता लाने के प्रयास करने चाहिए। वीजा आसानी से मिल सके तो दोनों देशों के नागरिक विभाजन के समय बिछुड़े अपने परिजनों से सहजता से मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि आपसी सौहार्द से ही दोनों देश तरक्की कर सकते हैं।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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