शिमला। शिमला के निकट टुटू में रविवार रात भूस्खलन के कारण चार मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए। इनमें दो मकान पांच-पांच मंजिला और दो मकान तीन-
शिमला में पिछले दो दिनों से लगातार वर्षा हो रही थी। रविवार दोपहर को ही भूस्खलन के कारण इन मकानों में दरारें पडऩी शुरू हो गई थीं, जिस कारण उनमें रह रहे लोग खतरा भांप कर सामान सहित सुरक्षित बाहर निकल आए थे। रात लगभग 11 बजे एक-एक कर तीन मकान ढह गए, जबकि एक अन्य मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
सबसे पहले ढहे पांच मंजिला मकान के मालिक दीपराम ने मीडिया को बताया कि रविवार को दोपहर से ही मकानों में दरारें पडऩी शुरू हो गई थीं। खतरा भांपते ही मकानों से सभी लोगों को सामान सहित सुरक्षित निकाल दिया गया था। रात करीब 11 बजे उनका मकान गिर गया और फिर उनके देखते ही देखते अन्य भवन भी ढह गए। दीपराम ने कहा कि इस हादसे में उनकी उम्र भर की कमाई तबाह हो गयी और वे सड़क पर आ गए हैं।
इसी बीच मौके पर कुछ लोग यह कहते भी सुने गए कि इन भवनों के साथ भरी बरसात में खुदाई के लिए एक मशीन लगी हुई थी और भूस्खलन के लिए वह मशीन भी जिम्मेदार हो सकती है।
नगर निगम शिमला के महापौर संजय चौहान ने तुरंत मौके पर जा कर बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। उनका कहना था कि यह वास्तव में एक बड़ा दर्दनाक हादसा है। वे प्रशासन के सहयोग से प्रभावितों को हर संभव राहत प्रदान करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच की जाएगी और यदि कहीं कोई अनियमितता बरती गई होगी तो उचित कार्रवाई की जाएगी। जतोग पुलिस चौकी के प्रभारी शिव कुमार ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये का संपत्ति का नुकसान हुआ है, लेकिन गनीमत यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
शिमला में भूस्खलन से चार मकान ध्वस्त
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