देहरादून। युवा पीढ़ी पर शराब के बढ़ते दुष्प्रभावों को देखते हुए पहाड़ के लोग शराबबंदी के लिए लामबंद होने लगे हैं। इस अभियान में अभी तक अधिकांशत: महिलाएं ही मुख्य भूमिका निभा रही थीं, लेकिन अब पुरुष भी इसके लिए महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने लगे हैं। गांवों में पीने-पिलाने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने की बातें होने लगी हैं। समाज में आ रहे इस बदलाव की हर ओर सराहना हो रही है।
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चमोली के तहत गैरसैंण विकासखंड में गत दिवस महिला मंगल दल खलियाण ने गांव में दृढ़ता से शराबबंदी लागू कर दी और जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को ज्ञापन भेज कर गैरसैंण में स्थित शराब के ठेके को तुरंत हटाने की मांग की है। गांव में शराब पीने-पिलाने वालों को दंडित करने का प्रावधान किया गया है।
महिला मंगल दल (ममंद) की अध्यक्ष रमा नेगी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में महिलाओं ने गांव में आयोजित होने वाले मांगलिक एवं अन्य सामूहिक कार्यों और पार्टियों में शराब परोसने पर कड़ी पाबंदी लगा दी है। नियमों का उल्लंघन करने पर गांव में शराब परोसने वाले व्यक्ति से दो हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। यह भी तय किया गया कि शराब के नशे में गांव में उपद्रव मचाने वाले को पहली बार बिच्छू घास (कंडाली) से सजा दी जाएगी और दूसरी बार ऐसा करने पर उससे पांच सौ रुपया अर्थदंड वसूला जाएगा।
बैठक के उपरांत ग्राम प्रधान सावित्री देवी, पूर्व प्रधान जमन सिंह एवं ममंद अध्यक्ष के नेतृत्व में ग्रामीणों ने एसडीएम केएस नेगी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया, जिसमें मांग की गई है कि गैरसैंण में स्थित शराब के ठेके को तुरंत बंद किया जाए अन्यथा एक बड़ा आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।
शराबियों का होगा सामाजिक बहिष्कार
उधर, श्रीनगर क्षेत्र के पोखरी चलणस्यूं में आयोजित तीन दिवसीय ग्रामोत्सव में भी गांव में शादी-विवाह और अन्य धार्मिक कार्यों में शराब पीने-पिलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। ग्रामीणों ने कहा कि जो भी व्यक्ति ऐसे आयोजनों में शराब परोसेगा उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
ग्रामोत्सव कार्यक्रम के समापन अवसर पर ग्राम प्रधान ललित मोहन बहुगुणा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सभी वक्ताओं ने कहा कि शराब के बढ़ते प्रचलन से युवा पीढ़ी बर्बाद होती जा रही है। ऐसे में शराब पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना आवश्यक हो गया है अन्यथा आने वाले समय में समाज को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। निर्णय लिया गया कि शादी-विवाह और अन्य धार्मिक कार्यों में शराब परोसने वाले का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
उधर, चमोली में पोखरी क्षेत्र की ग्राम पंचायत पाब में भी पुरुषों ने अब शराब विरोधी आंदोलन में महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने का निर्णय लिया है। पुरुषों ने मंगलवार को क्षेत्र में एक सर्कुलर भी घुमाया, जिसमें कहा गया है कि गांव में होने वाले किसी भी समारोह में न तो शराब परोसी जाएगी और न ही शराब पीने वालों को क्षेत्र में प्रवेश करने दिया जाएगा। पुरुषों ने पाब गांव में आयोजित बैठक में निर्णय लिया कि शराब विरोधी मुहिम गांव से लेकर कस्बाई क्षेत्रों में भी चलाई जाएगी। ग्रामीण रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी, वीरेंद्र सिंह भंडारी, धर्मानंद, जसवंत, भूपेंद्र असवाल और कुंदन का कहना है कि महिलाओं के शराब विरोधी आंदोलन को मजबूती देने के लिए पुरुष वर्ग को भी आगे आना होगा।