शिमला। कोटखाई में नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप और हत्या के बहुचर्चित मामले में खुलासा हुआ है कि अभियुक्तों ने उसके साथ एक घर में गैंगरेप किया और फिर उसका गला घोंट कर लाश को जंगल में फेंक दिया।
सूत्रों के अनुसार पुलिस को आरंभ से ही कुछ युवकों पर संदेह था। कुछ लोगों ने दबी जुबान में अभियुक्तों पर शक जता दिया था, लेकिन अभियुक्त क्योंकि काफी प्रभावशाली परिवारों से संबंधित थे, इसलिए पुलिस उन पर सीधे हाथ डालने से कतरा रही थी और पुख्ता सबूतों की तलाश में थी। इसी कारण पुलिस को अभियुक्तों पर हाथ डालने में पांच दिन लग गए। सभी अभियुक्त कोटखाई के महासू के सटे हलाईला, मडोग व बलसन आदि गांवों के हैं।
एसआईटी ने मंगलवार सायं चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें शिमला में किसी गुप्त स्थान पर रखा गया है। कुछ युवकों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। इस मामले में पुलिस को अब एक जीप चालक सहित अन्य तीन युवकों की तालाश है। पुलिस फिलहाल अभियुक्तों के नाम उजागर नहीं कर रही है। माना जा रहा है कि पुलिस इस बारे में बुधवार को खुलासा कर सकती है।
अपुष्ट सूचनाओं के अनुसार मृत छात्रा के शरीर पर मिले फिंगरप्रिंट कुछ अभियुक्तों के फिंगरप्रिट से मैच हुए हैं। वारदात के तुरंत बाद अभियुक्त अपने गांव से बाहर निकल गए थे और आपस में मोबाइल पर संपर्क में थे। पुलिस ने युवकों के मोबाइल को ट्रेकिंग पर डालकर रिकार्डिंग की और उनकी लोकेशन पर भी नजर रखी। पकड़े जाने पर कुछ अभियुक्तों ने अपना गुनाह कबूल लिया है।
पोस्टमॉर्टम में भी खुलासा हुआ है कि पहले छात्रा से गैंगरेप हुआ है फिर उसका गला घोंटा गया। मृत छात्रा के हाथ- पैर भी टूटे हुए हैं। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसके साथ यह हैवानियत भी अभियुक्तों ने ही की है या फिर ऐसा शव को जंगल में फेंके जाने से हुआ। पुलिस उस वाहन की भी तलाश कर रही है, जिसमें रख कर शव को जंगल ले जाया गया था।