कोटद्वार। नैनीडांडा प्रखंड में किसानों की फसलें आसानी से बाजार तक पहुंचाने के लिए सरकार ने एक करोड़ रुपये की लागत से रोप-वे तो तैयार कर लिया,
कृषि उत्पादन मंडी परिषद ने वर्ष 2007-08 में लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-धुमाकोट राज्यीय राजमार्ग पर ग्राम हल्दूखाता के समीप ग्राम दुग्याणा से ग्राम कमंदा के मध्य करीब एक करोड़ रुपये की लागत से पॉवर रोप-वे का निर्माण आरंभ किया ताकि सड़क से दूर स्थित ग्राम कमंदा से आम व कटहल आदि की फसलों को आसानी से मंडी तक पहुंचाया जा सके। इस क्षेत्र में किसानों की अधिकांश फसलें सुविधाओं के अभाव में खेतों में ही सड़ जाती हैं। ग्रामीणों को उम्मीद थी रोप-वे का निर्माण होने के बाद उनकी फसलें बरबाद नहीं होंगी, लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया। रोप-वे का निर्माण वर्ष 2010 में पूरा हो गया था, लेकिन प्रशासन के उपेक्षित रवैये के कारण इसे आज तक संचालित नहीं किया जा सका है। इस दौरान रोप-वे के लाखों रुपये के उपकरण चोरी भी हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली। रोप-वे की तारों पर झूलती टोकरियों को देख ग्रामीण स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
राज्य कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड के उप निदेशक (निर्माण) विजय कुमार से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि कोई उपयुक्त व्यक्ति नहीं मिलने के कारण रोप-वे को संचालित नहीं किया जा सका है। इसे शुरू करने के लिए अब नई योजना बनाई जा रही है। इसके लिए अब विभागीय कर्मियों की तैनाती की जाएगी। खंड विकास अधिकारी, नैनीडांडा चंदा राज का इस संबंध में कहना है कि पॉवर रोप-वे निर्माण के बाद से ही बंद पड़ा है। खंड विकास कार्यालय को इसके संचालन के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।