देहरादून (अल्मोड़ा)। मॉनसूनी फुहारें पड़ते ही उत्तराखंड में चाय विकास बोर्ड ने पर्वतीय क्षेत्रों में चाय के नए बागान विकसित करने के लिए
चाय विकास बोर्ड ने नए बागान विकसित करने के लिए चमोली जिले के पोखरी, थराली, बागेश्वर के गरुड़, अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी, ताकुला ब्लाक, पिथौरागढ़ में डीडीहाट, चंपावत जिले में 15-15 हेक्टेयर क्षेत्र तथा नैनीताल जिले के धारी, रामगढ़ और बेतालघाट ब्लाक में 25 हेक्टेयर भूमि का चयन किया है।
चाय विकास बोर्ड ने चमोली जिले के देवप्रयाग तथा कर्णप्रयाग क्षेत्र को भी चाय की खेती के लिए उपयुक्त पाया है। बोर्ड इन दोनों स्थानों पर प्रथम चरण में छह-छह हेक्टेयर क्षेत्र में चाय की खेती के लिए पौधों का रोपण करेगा। बोर्ड ने चयनित स्थानों पर पौधरोपण की तैयारियां पूरी कर ली हैं। एक हेक्टेयर भूमि में 15-15 हजार पौधे लगाए जाएंगे। नए बागानों में पौध रोपने के लिए बोर्ड की संबंधित क्षेत्रों की नर्सरियों में 37 लाख पौध तैयार है। शीघ्र ही चयनित क्षेत्रों में चाय की प्लांटेशन शुरू कर दी जाएगी। मनरेगा के माध्यम से संचालित इस योजना के तहत चाय नर्सरी स्थापना, पौध रोपण से लेकर बागान विकसित करने तक पंजीकृत श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा।
बोर्ड के वित्त अधिकारी जीएस खोलिया ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में चाय बागान विकसित करने के लिए 2.12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। विभाग को प्रथम चरण में 41.52 लाख रुपये का बजट मिल गया है। चाय की प्लांटेशन इस बरसात के मौसम शुरू कर दी जाएगी। शेष स्थानों पर जाड़े के मौसम में पौधरोपण किया जाएगा।
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