शिमला। पहाड़ी राज्य हिमाचल दुग्ध क्रांति की ओर बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में साल दर साल दूध का उत्पादन बढ़ता जा रहा है। इसमें प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी
विभागीय आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2009-10 में 971.404 हजार टन, 2010-11 में 1102.494 और 2011-12 में 1119.866 हजार टन दूध का उत्पादन हुआ। राज्य पशुपालन विभाग के निदेशक डा. अश्विनी कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश में दूध के उत्पादन में उत्साहजनक वृद्घि देखने में आ रही है। यही नहीं सरकारी संस्था मिल्कफैड, जिसने दूध की खरीददारी का जिम्मा संभाल रखा है, की खरीदरारी का ग्राफ भी साल दर साल बढ़ता जा रहा है। मिल्कफैड 735 सहकारी सभाओं के माध्यम से दूध की खरीद कर रहा है। उसने वर्ष 2009 में 169 लाख लीटर, 2010 में 205 और वर्ष 2011 में 225 लाख लीटर दूध की खरीद की। मिल्कफैड का दूध आधा किलो के पाउच में आता है और बाजार से सस्ते रेट में बेचा जा रहा है। यह नहीं यह संस्थान देसी घी, खोया और अन्य दुग्ध उत्पादों की बिक्री भी बाजार से सस्ते दामों पर कर रहा है।
मिल्कफैड के प्रबंध निदेशक एके ठाकुर ने बताया कि मिल्कफैड का कारोबार हर साल बढ़ रहा है। यह उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती रेट पर दुग्ध उत्पाद उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश में लगभग 22 लाख गायें, 7.60 लाख भैंसें और 12.40 लाख बकरियां हैं।
हिमाचल में लगातार बढ़ रहा दूध का उत्पादन
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