बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में ग्राम पंचायतें समाजिक कार्यों में योगदान के लिए हमेशा चर्चा में रही हैं। शराबबंदी हो चाहे अवैध कटान रोकने का मामला या फिर समाज में परेशानी का सबब बन चुके पुराने रीतिरिवाजों को छोड़ने की बात हो, पहाड़ की पंचायतों ने ग्रामीणों को साथ लेकर सराहनीय कार्य किए हैं। इन दिनों बिलासपुर जिले में झंडूता विकास खंड के तहत पिछड़े कोटधार क्षेत्र की ग्राम पंचायत सनीहरा ऐसे ही कार्यों के लिए चर्चा में है।
पंचायत प्रतिनिधियों ने हाल ही में एक बैठक कर पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया कि लोगों को विवाह समारोहों में धाम बनाने के लिए जरूरत के अनुसार गैस के दो- तीन सिलेंडर निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। लड़कियों की घटती संख्या को रोकने के लिए निर्णय लिया गया है कि पंचायत में हर बेटी के जन्म पर उसके नाम पर 5100 रुपये की एफडी की जाएगी। पंचायत इसके लिए लोगों से चंदा भी एकत्र करेगी। ग्रामीणों ही नहीं जिला प्रशासन ने भी पंचायत के इन फैसलों की सराहना की है और कुछ आर्थिक मदद का भी आश्वासन दिया है।
इस पहाड़ी राज्य में विवाह समारोहों में ईंधन के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जाते हैं। आवेदन करने पर वर्तनदारों को वन विभाग की ओर से भी धाम बनाने के लिए एक पेड़ देने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त लोग निजी भूमि से भी धाम के लिए पेड़ काटते हैं। सनीहरा पंचायत के प्रधान कमल चौहान कहते हैं कि इस तरह गांवों में हर वर्ष बड़ी संख्या में पेड़ कट रहे हैं, जिससे पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से बैठक कर प्रस्ताव पारित किया है कि ग्रामीणों को इस तरह पेड़ नहीं काटने के प्रति जागरूक किया जाएगा और धाम बनाने के लिए उन्हें पंचायत की ओर से जरूरत के मुताबिक गैस के दो- तीन सिलेंडर निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रधान कमल चौहान ने बताया कि इसी तरह एक अन्य प्रस्ताव पारित कर यह भी निर्णय लिया गया है कि पंचायत क्षेत्र में कन्याओं के जन्म पर उनके नाम 5100 रुपये की एफडी की जाएगी। इसके लिए पंचायत में कुछ दानी सज्जनों की एक कमेटी भी गठित की जाएगी, जिसकी देखरेख में यह सब कार्य होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कार्य से क्षेत्र में ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ मुहिम को भी बल मिलेगा और लिंगानुपात भी सामान्य हो सकेगा। बैठक में उप प्रधान राजपाल, सदस्य निक्की देवी, निर्मला देवी, कला देवी, राजसिंह और धर्म सिंह आदि ने भाग लिया। प्रस्ताव की प्रतियां बिलासपुर के उपायुक्त को भेजी जा रही हैं।
बिलासपुर के उपायुक्त मानसी सहाय ठाकुर से मीडिया ने इस संबंध में बात की तो उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों ने अगर ऐसे फैसले लिए हैं तो यह सराहनीय है। यह बहुत अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि अभी प्रस्ताव नहीं मिले हैं। इस तरह के सामाजिक कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशासन पंचायत को विशेष सहायता भी जारी कर सकता है।