इलाहाबाद। कुंभ मेले में फर्जी शंकराचार्यों की तरह विवादित संतों के प्रवेश पर भी रोक लगाने का मुद्दा भी तूल पकड़ता जा रहा है। निर्मल
साधु समाज के नाम पर कलंक
संन्यासी परिषद के महामंत्री और मठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि के मुताबिक कथावाचकों को संत लिखने का अधिकार नहीं है, उन्हें मेले में जमीन भी नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि संत समाज को बदनाम करने वाले तथाकथित संतों को मेले में नहीं आने दिया जाएगा। महात्मा के लिए पंचकेश अनुष्ठान का पालन जरूरी है, जो इसे छोड़कर फैशन करता है, वह साधु समाज के नाम पर कलंक है। विवादित आचरण के कारण आसाराम बापू को भी मेले में नहीं घुसने दिया जाएगा।
राधे मां के विवाद को शांत करने की कोशिश
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि मेले में किसी नए शंकराचार्य को नहीं बसने दिया जाएगा। जूना अखाड़े के सचिव श्रीमहंत हरिगिरि ने राधे मां को लेकर चल रहे विवाद को शांत करने की कोशिश की। उनका कहना है कि जूना के महामंडलेश्वरों की सूची में राधे मां का नाम नहीं शामिल किया गया है। उनके नाम से किसी भूमि का आवंटन भी नहीं है। वह बतौर महामंडलेश्वर मेले में शामिल नहीं होंगी। अलबत्ता सामान्य श्रद्धालु की तरह मेले में आएं तो उनका विरोध भी नहीं किया जाएगा।
आसाराम का बयान मर्यादा के अनुरूप नहीं
अखिल भारतीय संत महासभा के संयुक्त सचिव आचार्य कुशमुनि ने आसाराम का विरोध किया। उनका कहना है कि हाल ही में बलात्कार के मुद्दे पर आसाराम बापू का बयान संतों की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। यदि वे अपना बयान नहीं बदलते हैं तो उन्हें कार्यक्रम से रोका जाएगा। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के विधि संयोजक मधु चकहा के मुताबिक आसाराम बापू सहित ऐसे किसी भी संत का विरोध किया जाएगा जो सनातन संस्कृति और मर्यादा की गलत व्याख्या करते हैं। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासंघ के प्रदेश महामंत्री अमित आलोक पांडेय ने कहा कि ऐसे संत, जो समाज के विरोध में बयान देते हैं, उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
संगम की रेती पर कब, कौन आएगा
कुंंभ के दौरान संत आसाराम बापू का 14 से 17 जनवरी तक आने का कार्यक्रम है। इस बीच उनके प्रवचन, दीक्षा सहित अन्य अनुष्ठान होंगे। वहीं निर्मल बाबा के भक्त भी कुंभ के दौरान उन्हें यहां लाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी तरह राधे मां के भी कुंभ में आने की चर्चा अभी थमी नहीं है। खुद जूना अखाड़े के संत ही उनके आने की संभावना को सिरे से खारिज नहीं कर रहे हैं।
आसाराम को जमीन, बाकी को नहीं
शहर और मेले में संत आसाराम बापू के आगमन और कार्यक्रम की सूचना वाले बोर्ड जगह-जगह लगाए गए हैं। मेला प्रशासन की ओर से उन्हें सेक्टर छह में जगह भी दी गई है, पर निर्मल बाबा और राधे मां को भूमि का आवंटन नहीं किया गया है। न ही अब तक उनकी ओर से भूमि के लिए आवेदन ही किया गया है।
कुंभ में राधे मां, निर्मल बाबा, आसाराम का बहिष्कार!
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