शिमला। बहुचर्चित ‘कोटखाई प्रकरण’ में एक अभियुक्त की बीती रात पुलिस हिरासत में हत्या हो गई। पता चला है कि नेपाली मूल के इस अभियुक्त की उसके साथी अन्य चार अभियुक्तों ने गला घोंट कर हत्या कर दी। इस हत्याकांड ने पुलिस की कार्यप्रणाली को और भी सवालों के घेरे में ला दिया है।
शिमला के पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू नेगी ने इस वारदात की पुष्टि करते हुए कहा कि हत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेज दिया है। कोटखाई में नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में पुलिस पहले ही जनता के कड़े आक्रोश का सामना कर रही है। प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। अभियुक्त की पुलिस हिरासत में हत्या के बाद जनता का आक्रोष और भड़कने की आशंका है।
सूत्रों के अनुसार कोटखाई थाने में रखे गए संबंधित पांच अभियुक्तों के बीच देर रात हाथापाई हो गई, जिसमें एक नेपाली आरोपी सूरज की जान चली गई। बताया जा रहा है कि इसकी गला घोंटकर हत्या की गई है। ‘कोटखाई प्रकरण’ में पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज जनता के आक्रोष को देखते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हाल ही में इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस ने अपनी कार्रवाई जारी रखी। सीपीआईएम, भाजपा और अन्य जनसंगठन धरना प्रदर्शन कर आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस साक्ष्यों को मिटाने में जुटी है ताकि सीबीआई भी कुछ न कर सके। इस मामले में विभिन्न संगठन शिकायत लेकर राज्यपाल से भी मिले। सीबीआई की ओर से सरकार को कोई जवाब भी अभी तक नहीं आया है।
जनता के चौतरफा विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए मंगलवार को वीरभद्र सरकार हाईकोर्ट भी पहुंच गई और आग्रह किया कि सीबीआई को जल्द जांच शुरू करने के आदेश दिए जाएं। अदालत ने सरकार का आवेदन स्वीकार कर लिया है और इस मामले में बुधवार को सुनवाई रखी है।
इसी बीच पता चला है कि कोटखाई थाने के पूरे स्टाफ को ट्रांसफर कर दिया गया है। पुलिस के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के निलंबन की तैयारियां की जा रही हैं।