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खुशवंत सिंह के खुशहाल जीवन जीने के दस नुक्ते

विख्यात लेखक एवं पत्रकार स्व. खुशवंत सिंह ने शानदार जीवन जिया। शराब व शबाब के शौकीन खुशवंत सिंह ने जिंदगी का भरपूर आनंद उठाया और 99 वर्ष तक जिंदा रहे। निधन से कुछ ही वर्ष पूर्व तक वे अखबारों के लिए नियमित रूप से कॉलम लिखते रहे। मृत्यु को लेकर उनमें कोई भय नहीं था, बल्कि वे खुशी से उसका इंतजार करते दिखते थे। खुशवंत सिंह ने खुशहाल जीवन जीने की चाह रखने वालों के लिए अपने अनुभव के आधार पर 10 सूत्र सुझाए हैं। उनका कहना था कि इन सूत्रों को अपना कर कोई भी अपने जीवन को खुशिओं से भर सकता हैः

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  1. अच्छा स्वास्थ्य– अगर आप पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं तो आप कभी खुश नहीं रह सकते। बीमारी छोटी हो या बड़ी, आपकी खुशियां छीन लेती हैं।
  2. ठीक ठाक बैंक बेलेंस– अच्छी ज़िंदगी जीने के लिए बहुत अमीर होना ज़रूरी नहीं। पर इतना पैसा बैंक में हो कि आप जब चाहे बाहर खाना खा पाएं, सिनेमा देख पाएं, समंदर और पहाड़ घूमने जा पाएं। उधारी में जीना आदमी को खुद की निगाहों में गिरा देता है।
  3. अपना मकान– मकान चाहे छोटा हो या बड़ा वो आपका अपना होना चाहिए। अगर उसमें छोटा सा बागीचा हो तो आपकी ज़िंदगी बेहद खुशहाल हो सकती है।
  4. समझदार जीवन साथी– जिनकी ज़िंदगी में समझदार जीवन साथी होते हैं, जो एक- दूसरे को ठीक से समझते हैं, उनकी ज़िंदगी बेहद खुशहाल होती है। वर्ना ज़िंदगी में सबकुछ धरा का धरा रह जाता है, सारी खुशियां काफूर हो जाती हैं। हर वक्त कुढ़ते रहने से बेहतर है अपना अलग रास्ता चुन लें।
  5. दूसरों की उपलब्धियों से न जलना– कोई आपसे आगे निकल जाए, किसी के पास आपसे ज़्यादा पैसा हो जाए, तो उससे जलें नहीं। दूसरों से खुद की तुलना करने से आपकी खुशियां खत्म होने लगती हैं।
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  6. गप से बचना– लोगों को गपशप के ज़रिए अपने पर हावी मत होने दें। जब तक आप उनसे छुटकारा पाएंगे, आप बहुत थक चुके होंगे और दूसरों की चुगली- निंदा से आपके दिमाग में कहीं न कहीं ज़हर भर चुका होगा।
  7. अच्छी आदत– कोई न कोई ऐसी हॉबी विकसित करें, जिसे करने में आपको मज़ा आता हो। मसलन गार्डनिंग, पढ़ना, लिखना। फालतू बातों में समय बर्बाद करना ज़िंदगी के साथ किया जाने वाला सबसे बड़ा अपराध है। कुछ न कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे आपको खुशी मिले और उसे आप अपनी आदत में शुमार करके नियमित रूप से करें।

     8. ध्यान– रोज सुबह कम से कम दस मिनट ध्यान करना चाहिए। ये दस मिनट आपको अपने ऊपर खर्च करने चाहिएं।           इसी तरह शाम को भी कुछ वक्त अपने साथ गुजारें। इस तरह आप खुद को जान पाएंगे।

  1. क्रोध से बचना– कभी अपना गुस्सा ज़ाहिर न करें। जब कभी आपको लगे कि आपका दोस्त आपके साथ तल्ख हो रहा है, तो आप उस वक्त उससे दूर हो जाएं, बजाय इसके कि वहीं उसका हिसाब-किताब करने पर आमदा हो जाएं।
  2. अंतिम समय– जब यमराज दस्तक दें, तो बिना किसी दुख, शोक या अफसोस के उनके साथ निकल पड़ना चाहिए अंतिम यात्रा पर, खुशी-खुशी। शोक, मोह के बंधन से मुक्त हो कर जो यहां से निकलता है, उसी का जीवन सफल होता है।

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एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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