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Categories: राजनीति

सरकार बनाने के लिए केजरीवाल की 18 शर्तें

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार सुबह साढ़े दस बजे दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब

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जंग से मुलाक़ात की और सरकार बनाने के प्रश्न पर अपना पक्ष रखा। दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने भले ही उन्हें मुद्दा आधारित या बिना शर्त समर्थन देने की बात की हो, लेकिन आप ने उनका समर्थन लेने के लिए अपनी शर्तें रख दी हैं। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह को पत्र भेजकर 18 मुद्दों पर स्पष्ट राय मांगी है और कहा है कि वे पत्र का गोलमोल जवाब जैसे- “सैद्धांतिक रूप से हम साथ हैं” आदि मत दीजिएगा। आप पार्टी की 18 शर्तें निम्न प्रकार से हैं-

1. दिल्ली में वीआईपी कल्चर बंद करनाः दिल्ली सरकार का कोई भी विधायक, मंत्री या अफ़सर लालबत्ती की गाड़ी नहीं लेगा, बड़े बंगले में नहीं रहेगा और अपने लिए विशेष सुरक्षा नहीं लेगा। हर नेता और अफ़सर आम आदमी की तरह रहेगा। दिल्ली में विधायक और पार्षद फंड बंद कर पैसा सीधे मोहल्ला सभाओं को दिया जाएगा।

2. जनलोकपाल बिलः भ्रष्टाचार के खिलाफ़ एक सख़्त जनलोकपाल बिल पास होना चाहिए। आम आदमी पार्टी उसी जनलोकपाल बिल को दिल्ली के लिए पारित करना चाहेगी। ज़ाहिर है कि यह क़ानून बनने के बाद 15 वर्ष के कांग्रेस शासनकाल में हुए घोटालों की भी जांच की जाएगी। बीजेपी के दिल्ली नगर निगम में सात वर्षों में किए गए घोटालों की भी जांच की जाएगी। आपकी पार्टी के समर्थन का यह मतलब कतई नहीं होना चाहिए कि यदि आपके किसी भी नेता के खिलाफ़ भ्रष्टाचार का कोई भी सबूत मिलता है तो उसे किसी भी प्रकार की रियायत दी जाएगी।

3. दिल्ली में स्वराज स्थापित होः अपने-अपने मोहल्ले, कालोनी और गलियों के बारे में निर्णय लेने के अधिकार सीधे जनता को दिए जाएं। अधिक से अधिक निर्णय मोहल्ला सभाओं के जरिए सीधे जनता ले और सरकार उन निर्णयों का पालन करें। ऐसी व्यवस्था लागू करने के लिए आम आदमी पार्टी स्वराज का कानून लाना चाहेगी।

4. दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ाः आम आदमी पार्टी की सरकार केंद्र सरकार से यह मांग करेगी कि दिल्ली को भारतीय संघ के अन्य राज्यों के समान दर्जा मिले। डीडीए और पुलिस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण खत्म हो।

5. बिजली कंपनियों का ऑडिटः कई ऐसे तथ्य जनता के बीच में आए हैं जो यह शक़ पैदा करते हैं कि बिजली कंपनियों ने अपने बहीखातों में भारी गड़बड़ कर रखी है। आम आदमी पार्टी इन बिजली कंपनियों का निजीकरण से लेकर आजतक का स्पेशल ऑडिट करवाना चाहती है। दिल्ली में बिजली के बिल आधे किए जाएंगे।

6. बिजली के तेज़ चलते मीटरः कई लोगों को शक़ है कि दिल्ली में बिजली के मीटर तेज चल रहे हैं। इन मीटरों की किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच करायी जानी चाहिए। अगर ये मीटर तेज चलते पाए जाते हैं तो जब से ये मीटर लगाए गए हैं, तब से लेकर आज तक जितना अधिक पैसा बिजली कंपनियों ने वसूला है, वह उनसे वापस लिया जाए और मीटर बदले जाएं।

7. दिल्ली में पानी की व्यवस्थाः दिल्ली में पानी का एक बहुत बड़ा माफ़िया काम कर रहा है, जिसे सीधे अथवा परोक्ष रूप से बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के कुछ नेताओं का राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। ऐसे माफ़िया और उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली में पानी की चोरी रोकी जाएगी और यह पानी लोगों के घरों में पहुंचाया जाएगा।

8. दिल्ली की अनधिकृत कालोनियां- पिछले चुनाव के पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने के एक साल के अंदर अनधिकृत कालोनियों को नियमित कर दिया जाएगा। लेकिन पांच साल में सरकार ने कुछ नहीं किया। आम आदमी पार्टी चाहती है कि इन कालोनियों को एक वर्ष के अंदर नियमित करके इनमें तुरंत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

9. दिल्ली की झुग्गी बस्तियां- कई इलाकों में यह कहकर झुग्गियां तोड़ दी गईं कि उन्हें पक्के मकान या प्लॉट दिए जाएंगे, लेकिन आज तक उन्हें कुछ नहीं दिया गया। उनके नाम के प्लॉटों पर नेताओं के साथ मिलकर भू-माफ़ियाओं ने कब्जा कर लिया। आम आदमी पार्टी चाहती है कि झुग्गियों में रहने वालों को आसान शर्तों पर पक्के मकान दिए जाएं। जब तक पक्के मकान नहीं दिए जाते उनकी झुग्गियों को तोड़ा न जाए और वहीं पर उनके लिए साफ़-सफ़ाई और शौचालयों की व्यवस्था की जाए।

10. स्थायी एवं नियमित कार्यों के लिए ठेकेदारी पर कर्मचारीः आम आदमी पार्टी स्थायी और नियमित कार्यों में ठेकेदारी प्रथा बंद करके सभी अनियमित एवं अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करना चाहती है और इनका शोषण बंद करना चाहती है।

11. व्यापार एवं उद्योगः वैट का सरलीकरण किया जाएगा। वैट दरों की पुनर्समीक्षा की जाएगी ताकि दिल्ली फिर से होल सेल व्यापार का केन्द्र बन सके।

12. रिटेल में एफ़डीआईः आम आदमी पार्टी दिल्ली में किराना में एफ़डीआई के ख़िलाफ़ है।

13. दिल्ली के गाँव देहातः दिल्ली में 360 गांव हैं और उनमें आज भी खेती होती है। गांवों में रहने वालों की जमीनें बिना उनकी मंजूरी के सस्ते दामों में छीनकर बड़े-बड़े बिल्डरों को दे दी जाती हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली के किसानों को वो सभी सुविधाएं और सब्सिडी देना चाहती है जो दूसरे राज्यों के किसानों को उपलब्ध हैं।

14. शिक्षा व्यवस्थाः दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधायकों के खुद के कई स्कूल चल रहे हैं। इसलिए जानबूझकर सरकारी स्कूलों का बंटाधार किया जा रहा है ताकि लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने को मजबूर हों। प्राइवेट स्कूलों की फ़ीस पर कोई लगाम नहीं लगाई जाती, क्योंकि इनमें कई तो विधायकों के अपने स्कूल हैं। आम आदमी पार्टी सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर करना चाहती है। प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस निर्धारण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा।

15. स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नए अस्पताल खोलनाः दिल्ली में नए सरकारी अस्पताल खोले जाएंगे और सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट अस्पतालों से भी बेहतर इलाज का प्रबंध किया जाएगा।

16. महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष दल बनानाः दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्पेशल सुरक्षा दल बनाया जाएगा। नई अदालतें बनाई जाएं और जज नियुक्त किए जाएं ताकि महिलाओं के साथ उत्पीड़न के किसी भी मामले में तीन से छह महीने के अंदर सज़ा हो और सख़्त से सख़्त सज़ा हो।

17. न्याय व्यवस्थाः नई अदालतें खोली जाएं और नए जजों की नियुक्ति की जाए ताकि कोई भी मामला छह महीने से एक साल के अंदर निपटाया जा सके। न्याय व्यवस्था में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ भी सख़्त कदम उठाए जाएं।

18. केंद्र सरकार की मददः कई मुद्दे ऐसे हैं जिनमें केंद्र सरकार की मदद की ज़रूरत पड़ेगी। आप पार्टी जानना चाहती है कि क्या कांग्रेस का समर्थन दिल्ली विधानसभा में आठ विधायकों तक ही सीमित रहेगा या पार्टी दिल्ली की जनता के इन मुद्दों का समाधान निकलवाने के लिए केंद्र सरकार पर भी दबाव डालेगी?

अरविंद केजरीवाल ने सोनिया गाँधी और राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में इन मुद्दों का विस्तृत उल्लेख किया है और दोनों ही पार्टियों से साफ़ जवाब मांगा है। केजरीवाल ने पूछा है कि क्या उनकी पार्टियां इन मुद्दों पर बिना शर्त समर्थन देने के लिए तैयार हैं?

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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