मंडी। मंडी जिला की ‘निर्मल पंचायतों’ पर उंगलियां उठनी शुरू हो गई हैं। क्या इन पंचायतों में सभी घरों में शौचालय बने हैं या फिर वहां जुगाड़तंत्र के सहारे ही
डीनक पंचायत ने हाल ही में निर्मल भारत योजना के तहत खुला शौचमुक्त पुरस्कार के लिए दावा पेश किया था। इसकी वेरिफिकेशन के लिए सिरमौर जिला की टीम ने पंचायत के विभिन्न वार्डों का दौरा किया। निरीक्षण में पाया गया कि पंचायत में खुला शौच मुक्त योजना का पालन ही नहीं किया गया है। यहां पंचायत घर तक में शौचालय नहीं बनाया गया है। कई वार्डों में खनन में जुटे सैकड़ों प्रवासी मजदूर दुकाननुमा कमरों में रहते हैं और शौचालय नहीं होने के कारण खुले में ही शौच के लिए मजबूर हैं। निर्मल भारत पुरस्कार के तहत पंचायत को खुला शौचमुक्त घोषित कर पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। पूरी तरह खुला शौच मुक्त होने पर ही पंचायत निर्मल भारत योजना के तहत पुरस्कार के लिए दावा कर सकती है।
सिरमौर के संगडाह विकास खंड की निरीक्षण टीम के खंड समन्वयक चेत सिंह तोमर ने बताया कि उन्होंने सुंदरनगर विकास खंड में निर्मल भारत पुरस्कार योजना के तहत व्यापक निरीक्षण किया है। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी, अर्ध सरकारी संस्थानों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि डीनक पंचायत में तो पंचायत घर तक में शौचालय नहीं बना है तथा बड़ी संख्या में लोगों के घरों में भी शौचालय नहीं है। उसके बावजूद इस पंचायत ने निर्मल भारत योजना के तहत पुरस्कार के लिए आवेदन कर रखा है।
विकास खंड अधिकारी सुंदरनगर करतार सिंह ठाकुर ने इस मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पंचायत को इस हालत में निर्मल पंचायत पुरस्कार के लिए दावा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है, इस पर कार्रवाई की जाएगी।
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