शिमला। पूर्व पंचायती राज मंत्री जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में दो दिन पूर्व ही उनके नाम पर मुहर लग गई थी। वीरवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर के समक्ष विधायकों ने भी जयराम ठाकुर को अपना नेता चुन लिया तो मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम की घोषणा की औपचारिकता मात्र शेष रह गई।
वरिष्ठ भाजपा नेता जयराम ठाकुर प्रदेश के दूसरे बड़े जिला मंडी के सराज विधानसभा क्षेत्र से पांचवीं बार जीत कर आए हैं। मंडी जिला में सभी दस सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। इसलिए भी मुख्यमंत्री पद के लिए जयराम ठाकुर की दावेदारी को बल मिला। प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सरकार में वे पंचायती राज मंत्री बने थे और एक बार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को पराजित कर 44 सीटों पर कब्जा जमाया है, जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर ही सिमट गई। भाजपा हाई कमान ने चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था, लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाए। उसके बावजूद उनके समर्थक धूमल को ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते थे तथा तीन विधायकों ने तो उनके लिए सीट खाली करने की घोषणा भी कर दी थी।
मुख्यमंत्री पद के लिए धूमल के अतिरिक्त केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, जयराम ठाकुर और शिमला से विधायक सुरेश भारद्वाज का नाम भी चर्चा में रहा। लेकिन अंतिम सहमति जयराम ठाकुर पर ही बनी।
सूत्रों के अनुसार गत दिवस दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में ही मुख्यमंत्री पद के लिए जयराम ठाकुर के नाम पर सहमति बन गई थी। उसके बाद जयराम ठाकुर दिल्ली से सीधे प्रो. प्रेमकुमार धूमल से आशीर्वाद लेने उनके घर गए। बताया जाता है कि उसके बाद तो मुख्यमंत्री पद के लिए घोषणा की औपचारिकता ही शेष बची है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार जयराम ठाकुर के पक्ष में सबसे बड़ी बात यह रही कि उन्होंने वरिष्ठता के बावजूद कभी भी स्वयं को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित नहीं किया। दूसरी बात यह कि प्रदेश में 37 प्रतिशत से अधिक मतदाता राजपूत हैं, इसलिए हाईकमान ने जातीय समाकरणों को भी ध्यान में रखा। इसके अतिरिक्त विधानसभा चुनाव में मंडी जिला से सारी सीटें भाजपा की झोली में आई हैं, इसलिए भी हाई कमान ने मंडी को पुरस्कृत करना उचित समझा।