सुंदरनगर। मंडी जिले में सुंदरनगर तहसील के तहत छात्तर गांव के परमाराम चौधरी ने सही मायने में ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे को चरितार्थ किया है। वर्ष
परमाराम स्वयं मशरूम की खेती कर हर साल करीब 50 हजार रुपये के निवेश के साथ दो लाख रुपये लाभ अर्जित करते हैं। इसके अलावा वे रेशम कीट पालन से भी अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। मशरूम की खेती में इस्तेमाल की गई खाद को वे दोबारा बागवानी में इस्तेमाल कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। प्रगतिशील किसान होने के कारण उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सहित अनेक संस्थानों ने पुरस्कृत किया है। उन्हें केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने भी पुरस्कृत किया है।
परमाराम चौधरी ने मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने की भी इच्छा व्यक्त की है। इसके लिए वे लिखित में जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर चुके हैं। छोटे परिवार में भरोसा रखने वाले परमा राम चौधरी नए किसानों का आह्वान करते हैं कि वे कृषि के क्षेत्र में नवीनतम खोजों के प्रति जागरूक रहें, सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अधिक से अधिक भाग लें और समय का पूरा-पूरा सदुपयोग करें। पूर्व सैनिकों को भी उनकी सलाह है कि वे सेवानिवृत्ति के बाद भी उतने ही सक्रिय रहें जितने सेना में रहते हैं।
‘जय जवान-जय किसान’ की मिसाल परमाराम चौधरी
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