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बागेश्वर। उत्तराखंड में बागेश्वर जिले के तहत मां कोट भ्रामरी मंदिर में पशुबलि को लेकर प्रशासन और स्थानीय लोगों में टकराव के आसार बनते जा रहे हैं। प्रशासन ने मंदिर में पशु बलि रोकने के लिए बुधवार को गरुड़ बाजार में रैली निकाली और लोगों को यह समझाने की प्रयास किया कि आज के सभ्य समाज में पशु बलि का कोई औचित्य नहीं है और इसे तुरंत प्रभाव से रोक दिया जाना चाहिए। लेकिन कत्यूर क्षेत्र के लोग मंदिर में पशुबलि के लिए अड़े हुए हैं। उन्होंने प्रशासन की रैली के जवाब में वीरवार को ढोल नगाड़ों एवं अन्य पारम्परिक वाद्यों के साथ जोरदार प्रदर्शन किया। इन ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन जनता को डरा धमका कर पशुबलि रोकने के प्रयास कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा और वे नंदाष्टमी के दिन मंदिर में पशुबलि करके रहेंगे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को कत्यूर के विभिन्न गांवों समेत मंदिर से जुड़े चारों खामों के लोग गोलू मंदिर के समीप एकत्र हुए। इसके बाद वे गरुड़ बाजार से होते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे। इस दौरान ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। जुलूस में नारेबाजी कर रही कुछ महिलाएं ऐसी हरकतें करती दिखीं मानो उनके सिर पर साक्षात् देवी सवार हो गई हो।
तहसील मुख्यालय में मेलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रशासन जबरन टकराव की स्थिति पैदा कर रहा है। जनता की भावनाओं के अनुरूप मेले के दौरान पशु बलि की जाएगी। उन्होंने प्रशासन पर न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया। सभा को केदार सिंह बोरा, बलवंत भंडारी, दीवान भंडारी, दीवान सिंह बोरा, देवकीनंदन जोशी, लछम राम, शिव सिंह बोरा, मोहन दा, प्रयाग जोशी, सुनील नेगी, किशन बोरा, कैलाश बोरा, चंदन बरोलिया, लक्ष्मी दत्त पांडे, चंद्रशेखर तिवारी आदि ने सम्बोधित किया।
क्षेत्र में तनाव को देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल की व्यवस्था कर रखी है। ग्रामीणों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।