देहरादून। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की रफ्तार चिंताजनक रूप से मंद पड़ी है। मौसम विभाग की भविष्यवाणियां लगातार विफल होती जा रही हैं। विभाग उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में पिछले करीब एक पखवाड़े से भारी वर्षा को लेकर बार- बार अलर्ट जारी कर रहा है, लेकिन लोग वर्षा की मामूली फुहारों तक के लिए तरस गए हैं। ऐसे में यह आशंका प्रबल होती जा रही है कि इस बार पहाड़ों में कहीं मॉनसून फेल तो नहीं हो गया?
मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अब 24 से 26 जुलाई तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। किसान और बागवान इस भविष्यवाणी के सफल होने की कामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने इस बार पहाड़ों में जून माह के अंत यानी 25- 26 जून को मॉनसून के आगमन की भविष्यवाणी की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसके बाद भी विभाग भारी बारिश को लेकर अलर्ट करता रहा है, लेकिन मामूली फुहारों को छोड़ कर कुछ नहीं हुआ। यह स्थिति मॉनसूनी वर्षा पर निर्भर किसानों व बागवानों को काफी अखर रही है।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार फिलहाल बारिश की स्थिति सामान्य से कम ही रहने की उम्मीद है। कुछ स्थानों पर हल्की से दरम्यानी वर्षा हो सकती है। मॉनसून के 24 जुलाई से कुछ जोर पकड़ने की उम्मीद है और यह क्रम 26 जुलाई तक बना रह सकता है।
दिलचस्प बात यह है कि उत्तराखंड में मॉनसून ने अभी जोर पकड़ा भी नहीं है, लेकिन पर्वतीय इलाकों में लोगों की दुश्वारियां बरकरार हैं। इन क्षेत्रों में अभी से 103 संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं, जिस कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रह है।
पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के कारण मलबा आने के कारण इस समय चमोली जिले में 23, पिथौरागढ़ में 20, उत्तरकाशी में 19, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, देहरादून में सात- सात, बागेश्वर में छह, टिहरी में पांच, नैनीताल में चार, अल्मोड़ा में तीन और चंपावत में दो संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। यदि प्रशासन की लापरवाही इसी तरह रही और मॉनसून ने जोर पकड़ा फिर तो हालात और भी खस्ता होने की आशंका है।