शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस सेंपल की जांच को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि तब्लीगी जमात से जुड़े और उनके संपर्क में आए सभी लोगों की जांच जल्दी पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल्द ही रेपिड टेस्ट किट्स उपलब्ध करवाई जाएंगी। इससे टेस्ट की गति बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि सभी अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जांच केंद्र स्थापित किए जाएंगे और रेपिड नैदानिक किट्स के माध्यम से परमिट के साथ प्रदेश में आने वाले सभी लोगों की जांच की जाएगी। इन जांच केंद्रों के निकट लगभग 15-20 बिस्तरों वाले अस्थाई क्वारन्टाईन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव पाये जाएंगे, उन्हें इन क्वारन्टाईन केंद्रों में भेजा जाएगा और उन्हें प्रदेश के भीतर यात्रा नहीं करने दी जाएगी। ऐसे लोगों को कोरोना वायरस के आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि चिन्हित हॉटस्पॉट क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर बारीकी से नजर रखी जाएगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र में बाहरी राज्यों से आने वाले सभी व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखने की जिम्मेवारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि जो भी पंचायत प्रधान बाहर से आने वाले लोगों की सूचना छुपाएगा, प्रदेश सरकार उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री ने लोगों की सुविधा के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के डिपुओं और खुले बाजार में आवश्यक सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू में छूट के दौरान लोगों में आवश्यक सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि कोरोना वायरस संक्रमण को रोका जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यक वस्तुओं और अन्य सामग्री के परिवहन में लगे ट्रकों और उनके चालकों व परिचालकों को प्रदेश की सीमाओं पर सेनेटाईज किया जाए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार प्रदेश के बाहर फंसे हिमाचलियों के प्रति चिंतित है और लगातार उनके संपर्क में है। संबंधित प्रदेश सरकारों से उनकी उचित देखभाल का आग्रह किया गया है। उन्होंने ऐसे लोगों से आग्रह किया है कि वे जहां है, वहीं बने रहें और प्रदेश सरकार स्थिति सामान्य होते ही उनकी वापसी सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने अधिकारियों से किसानों और खरीददारों के मध्य समन्वय स्थापित करने को कहा, ताकि किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि बागवानों के उत्पादों के लिए उचित परिवहन की सुविधा बनाई जाए।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार और आरडी धीमान, प्रधान सचिव जेसी शर्मा, ओंकार शर्मा और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू भी इस बैठक में उपस्थित थे।
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