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सरकारी उपेक्षाः पहाड़ों में दम तोड़ रहे उद्योग

उत्तरकाशी। सीमांत जनपद उत्तरकाशी भले ही पानी और जंगल जैसे प्राकृतिक संसाधनों से

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अमीर हैं, लेकिन इनके सदुपयोग के लिए स्थापित उद्योग सरकारी उपेक्षा के कारण पनप नहीं पा रहे हैं। इसी वजह जिले में स्थापित बड़े उद्योग एक एक कर बंद होते जा रहे हैं और लग लगातार बेरोजगार होते जा रहे हैं।

गढ़वाल मंडल विकास निगम ने गणेशपुर में काष्ठकला को बढ़ावा देने के लिए आराघर स्थापित किया था। इसके लिए बड़े भवनों का निर्माण तो हो गया और मशीनें भी स्थापित हो गईं, लेकिन

बाद में इसे शुरू ही नहीं किया गया। स्थापना के चंद महीनों बाद ही यह बड़ा उद्योग वीरान हो गया। इसके बाद यहां मिनरल वाटर प्लांट भी उद्योग निगम की ओर से लगाया गया, लेकिन बाद में कहा गया कि पानी मानकों पर खरा नहीं उतर पाया है और इस प्लांट में भी उत्पादन शुरू नहीं हो सका। राज्य बनने से पहले सैंज में मिनरल वाटर का बड़ा प्लांट भी लगाया गया। शुरूआती दौर में वहां पानी का उत्पादन और पैंकिंग शुरू भी हो गई, लेकिन राज्य बनने के बाद इस उद्योग पर भी ताले लग गए और इससे जुड़े डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मचारी घर बैठ गए। यहां भी यही बहाना बाया गया कि पानी में आश्यक मिनरल नहीं मिलने के कारण इसे बंद किया गया है, जबकि वास्तव में पानी की गुणवत्ता प्लांट स्थापित करने से पहले जांच ली जाती है। हालांकि कुछ महीनों तक यह मिनरल वाटर गंगाजल के नाम से शहरों में बिकता रहा, पर सरकार से अपेक्षित मदद नहीं मिलने के कारण अंततः इसे बंद कर देना पड़ा।

अभी भी नौगांव में बड़े उद्योग के नाम पर एक कोल्ड स्टोर स्थापित है और फिलहाल चल रहा है, लेकिन बिजली की अनियमित आपूर्ति और सड़क की खस्ता हालत के कारण इसका भी दम फूल रहा है। पता नहीं कब यह भी बंद होकर खंडहर में बदल जाए।

उत्तरकाशी जिले की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यहां लघु एवं कुटीर उद्योगों की काफी संभावनाएं हैं। फिलहाल यहां 2600 लघु और कुटीर उद्योग संचालित हो रहे हैं, लेकिन इनसे रोजगार और फायदा पाने वालों की संख्या बेहद सीमित है। यहां सरकारी उपेक्षा के कारण पिछले कुछ वर्षों में दम तोड़ने वाले बड़े उद्योगों में- मिनरल वाटर गणेशपुर, मिनरल वाटर झाला, मिनरल वाटर सैंज और रेशम निर्माण इकाई आदि शामिल हैं।

जिला उद्योग केंद्र उत्तरकाशी के महाप्रबंधक डॉ. एमएस सजवाण कहते हैं कि जिले की भौगोलिक स्थिति बड़े उद्योगों के लायक नहीं है। यहां लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि इसमें रोजगार सृजन के मौके सीमित हो जाते हैं।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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