शिमला। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को 1500 शिक्षकों, 465 फोरेस्ट गार्ड और 418 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न श्रेणियों के 3000 पदों को भरने की मंजूरी दी गई। विद्या उपासकों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 7000 रुपये कर दिया गया है। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की।
बैठक में राज्य की संशोधित इको पर्यटन नीति-2016 को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इस नीति से जहां और अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा, वहीं स्थानीय समुदायों की सहभागिता से उनकी आजीविका संबंधी आवश्यकताओं को संबल मिलने के साथ ही स्थानीय संस्कृति और पारिस्थितिकी को भी संरक्षण मिलेगा।
मंत्रिमण्डल ने यह भी निर्णय लिया है कि आगामी पांच वर्षां में प्रदेश के सभी क्षेत्रीय और ज़िला अस्पतालों को आईपीएचएस मानकों के अनुरूप स्तरोन्नत किया जाएगा ताकि वे पूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवा सुनिश्चित कर सकें जिनमें आपातकालीन सेवाएं, द्धितीय स्तर की ट्रॉमा सुविधा, नवजात के लिए विशेष स्वास्थ्य देखभाल, शल्य चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक देखभाल सहित उपचार योग्य गंभीर बीमारियों का ईलाज शामिल है।
बैठक में प्रदेश में औद्योगिक कोरीडोर में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया। इन औद्योगिक क्षेत्रों में ऊना जिला के दुलेहड़, देहलन, इसपुर, इसपुर-2, गगरेट, सिरमौर जिला के पांवटा साहिब, माजरा तथा नाहन, कांगड़ा जिला के कोटला, इन्दौरा तथा राजा-का-बाग, सोलन जिला के दून, पट्टा, टिरो, मझोल तथा नालागढ़ और बिलासपुर जिला के कोट-कहलूर शामिल हैं।
मंत्रिमण्डल ने राज्य आपदा राहत मैनुअल के अन्तर्गत उन लोगों को राहत प्रदान करने का निर्णय लिया जो वर्तमान में राहत मैनुअल के तहत शामिल नहीं हैं। विद्युत करंट, कुत्ते आदि के काटने के कारण मृत्यु होने तथा घायलों को इसके अंतर्गत शामिल किया गया है। यह भी निर्णय लिया गया कि एफआईआर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, चिकित्सा प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र न होने की स्थिति में पंचायत प्रधान और स्थानीय लोगों के बयानों पर राहत उपलब्ध करवाई जाएगी।
मंत्रिमण्डल ने कांगड़ा जिला के मझीण और ऊना जिला के दुलैहड़ में नई उप-तहसीलें खोलने को भी मंजूरी प्रदान की है। बैठक में हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम को 528 मैगावाट जेसी जल विद्युत परियोजना आवंटित करने को स्वीकृति दी गई तथा प्रदेश की जल विद्युत नीति की शर्तों के अनुरूप प्रस्तावित चरण-1 (219 मैगावाट) और चरण-2 (143 मैगावाट) लुहरी जल विद्युत परियोजना को सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड को पुनः आवंटित करने का भी निर्णय लिया गया।
660 मैगावाट क्षमता की किशाऊ बहुद्देशीय परियोजना के निर्माण के लिए सरकार द्वारा उत्तराखंड सरकार के साथ बराबर सहभागिता से किशाऊ निगम लिमिटेड के रूप में कम्पनी स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड को राज्य सरकार की ओर से सभी अधिनियम एवं डीड के लिए प्राधिकृत किया गया।
कुल्लू जिला में तीन मैगावाट क्षमता वाले पखनोज-2 राज्य जल विद्युत परियोजना में ऊंचाई में परिवर्तन को स्वीकृति प्रदान की गई। यह भी निर्णय लिया गया कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड में राज्य सरकार की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तक बढ़ाई जाएगी।
मंत्रिमण्डल ने डा. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में सराय के निर्माण के लिए मेडिकल कालेज टांडा तथा मैसर्ज सीता राम जिंदल न्यास के साथ समझौता ज्ञापन को स्वीकृति प्रदान की। बिलासपुर जिला के घुमारवीं के चोखणा गांव में स्वास्थ्य उप-केन्द्र खोला जाएगा। शिमला जिला के जुब्बल कोटखाई के पंदराणु व पुड़ग में नए स्वास्थ्य केन्द्र खोलने को भी स्वीकृति दी गई। इसी प्रकार शिमला स्थित इंडस अस्पताल में एल-1 ट्रामा केन्द्र स्थापित करने, दवा निरीक्षक कार्यालय राजपुर से पांवटा साहिब स्थानांतरित करने और बिलासपुर जिला के स्वास्थ्य उप-केन्द्र लखनपुर का नाम बदलकर कुनाला में परिवर्तित करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।