चंबा (तीसा)। यह है विद्युत राज्य हिमाचल का हाल! देश व प्रदेश को आधा दर्जन के करीब बड़ी विद्युत परियोजनाएं देने वाले चंबा जिले के दो गांव- शालान और बनियोगा पिछले सात माह से अंधेरे में डूबे हुए हैं। वहां सात माह पूर्व ट्रांसफार्मर जल गया था, लेकिन बार- बार आग्रह के बावजूद सरकारी अमले ने उसे बदलने की जहमत नहीं उठाई।
चुराह उपमंडल में तीसा क्षेत्र के इन गांवों में करीब 250 की आबादी सरकारी उपेक्षा के चलते रात को दिये की रोशनी पर निर्भर हो गई है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। चुराह के भाजपा विधायक हंसराज इसे प्रदेश सरकार की भेदभाव की नीति का परिणाम बताते हैं, जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पिछड़े क्षेत्र की ओर किसी भी सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया, जिस कारण प्रशासन भी लोगों की समस्याएं सुलझाने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं।
स्थानीय ग्राम पंचायत गुवाड़ी के प्रधान प्रवीण कुमार ने बताया कि बिजली की समस्या को लेकर ग्रामसभा में भी प्रस्ताव पारित कर सरकार व प्रशासन को भेजा गया, लेकिन यहां कोई सुनने को ही तैयार नहीं है। वार्ड सदस्य परमेश कुमार और अन्य ग्रामीणों- राज सिंह, किशन, चमन, लोभी राम, सुरेद्र, भाग सिंह, योगराज आदि ने बताया कि उन्होंने स्वयं कई बार विद्युत विभाग के कार्यालय में जाकर आग्रह किया कि जले हुए ट्रांसफार्मर को बदला जाए, लेकिन किसी के भी काम पर जूं तक नहीं रेंगी।
बिजली बोर्ड के तीसा में तैनात सहायक अभियंता प्रकाश चंद से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण शालान और बनियोगा गांवों में बिजली की आपूर्ति बंद पड़ी है। ट्रांसफार्मर को बदलने का प्रयास किया जा रहा है।
चुराह क्षेत्र के विधायक हंसराज से मीडिया ने इस संबंध में बात की तो उनका कहना था कि चुराह की जनता के साथ जो अन्याय हो रहा है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता इसका जवाब आने वाले समय में देगी। इसका खामियाजा वर्तमान सरकार को उठाना पड़ेगा।