इस गेहूं की कोंपलों से पहले जूस निकाला जाता है और उसके बाद पॉउडर तैयार किया जाता है। इस गेहूं में सामान्य गेहूं के मुकाबले दो गुणा से अधिक आयरन, जिंक और विटामिन पाए जाते हैं। इसके पॉउडर में कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता है।
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नाहन (सिरमौर)। कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की औषधीय गुणों से भरपूर एक विशेष किस्म तैयार करने में सफलता पाई है, जो कुपोषण की समस्या को दूर करने के अतिरिक्त कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से लड़ने में भी सहायक है। सिरमौर के इंटरनल विश्वविद्यालय बडू साहब, आईआईटी रुड़की और कनाडा की जेवीईओ कंपनी के वैज्ञानिक पिछले कई वर्षों से संयुक्त रूप से इस प्रोजेक्ट पर अनुसंधान कर रहे थे। इंटरनल विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एचएस धालीवाल ने अनुसंधान सफल होने की घोषणा करते हुए वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि गेहूं की नई विकसित किस्म की कोमल कोंपलों से पहले जूस निकाला जाता है और उसके बाद जूस से पॉउडर तैयार किया जाता है। इस पॉउडर को पानी में घोल कर दवाई के रूप में प्रयोग मे लाया जा सकता है। इस गेहूं में सामान्य गेहूं के मुकाबले दोगुने से अधिक आयरन, जिंक और विटामिन पाए जाते हैं। इसके पॉउडर में कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता है।
वाइस चांसलर एचएस धालीवाल ने मीडिया को बताया कि गेहूं पर वषों से अनुसंधान चल रहा था। अनुसंधान कामयाब रहा। इसके लिए वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि गेहूं की इस किस्म में सामान्य गेहूं के मुकाबले दो गुणा से अधिक आयरन और जिंक है। बिटामिन ए.बी.सी व ई के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम और अमीनो एसिड भी इसमें हैं। इसी कारण यह कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से लड़ने में सहायक है। उत्पादन बढ़ने पर इस पॉउडर को कनाडा और अमेरिका में निर्यात भी किया जाएगा।
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