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बिलासपुर। बिलासपुर जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों रुपये की लागत से बनाए गए सामुदायिक भवन अब गोशालाओं में तब्दील होते जा रहे हैं। ये सामुदायिक भवन विवाह, मुंडन जैसे संस्कार कार्यों, धार्मिक आयोजनों, बैठकों आदि के लिए बनाए गए थे, लेकिन लोग जागरूकता के अभाव में इनका सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाए। ग्रामीण अब इनका प्रयोग पशुओं को बांधने और गोदाम आदि के लिए करने लगे हैं।
झंडूता विधानसभा क्षेत्र के तहत गाह और घोड़ी में लाखों रुपये की लागत से बने सामुदायिक भवन इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं, जिनमें अब लोगों के पशु बंधे रहते हैं। इनकी उद्घाटन एवं शिलान्यास पट्टिकाओं से ही पता चलता है कि ये कभी सामुदायिक भवन रहे होंगे।
झंडूता विधानसभा क्षेत्र की गाह पंचायत में तत्कालीन सांसद सुरेश चंदेल द्वारा दी गई धनराशि से सामुदायिक भवन बना था। मार्च 2000 में तत्कालीन सहकारिता मंत्री रिखीराम कौंडल ने इसका शिलान्यास किया गया था। इस भवन में शुरू के कुछ वर्षों में ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर बैठकें भी करते थे तथा अन्य घरेलु आयोजनों के लिए भी लोग इसका उपयोग किया जाता था। लेकिन बाद में देखरेख के अभाव में भवन की हालत खस्ता होती चली गई और अब तो इसके अंदर और बाहर पशु बंधे देखे जा सकते हैं।
यही हालत आज घोड़ी गांव में बने सामुदायिक भवन की भी है। यह भवन सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा दी गई सांसद निधि से बनाया गया था। बड़े उत्साह के साथ इसका शिलान्यास और बाद में उद्घाटन हुआ था। इस भवन को भी लोग अधिक समय तक सहेज कर नहीं रख सके। आज इसके भीतर बकरियां बंधी हुई देखी जा सकती हैं।
पपलोहा पंचायत के उपप्रधान प्रेम सिंह का कहना है कि गाह और घोड़ी के सामुदायिक भवनों में कुछ समय तक आंगनबाड़ी स्कूल भी चलाए गए, लेकिन अब भवनों की हालत खस्ता है तथा बजट के अभाव में इनकी मुरम्मत नहीं हो पा रही है।