शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला सहित कुफरी, नारकंडा, सोलंगनाला, डल्हौजी, खजियार आदि प्रमुख पर्यटक स्थलों में वर्षों बाद ‘व्हाइट क्रिसमस’ ने सबको निहाल कर दिया। इन क्षेत्रों में 25 दिसंबर को हल्के हिमपात की खबरें संचार के पारंपरिक साधनों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से पलक झपकते ही हर ओर फैल गई और हर कोई बर्फबारी का आनंद उठाने के लिए यहां उमड़ पड़ा। पर्यटकों ने जमकर बर्फबारी के बीच क्रिसमस का पर्व मनाया।
क्रिसमस के अवसर पर शिमला के रिज और मालरोड पर सैलानियों की भरमार हो गई है। इससे पहले शिमला में वर्ष 1991 में (25 वर्ष पूर्व) क्रिसमस के दिन बर्फबारी हुई थी। बर्फबारी से हिमाचल में पर्यटकों सहित पर्यटन व्यवसायियों के भी चेहरे खिल उठे हैं। यहां क्रिसमस से लेकर नववर्ष तक पर्यटन का अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है।
पश्चिमोत्तर के पहाड़ों पर लंबे समय से सूखे की स्थिति होने के कारण पर्यटकों को इस बार उम्मीद नहीं थी कि वे ‘व्हाइट क्रिसमस’ मना सकेंगे। उनके लिए क्रिसमस पर अचानक यह तोहफा मिला। अधिक उंचाई वाले क्षेत्रों- चंबा के पांगी, किन्नौर के कल्पा, छितकुल व सांगला, कांगड़ा के धौलाधार और कुल्लू के रोहतांग में तो अच्छा खासा हिमपात होने की खबरें हैं।
हिमपात के कारण रविवार को शिमला से कुफरी- ठियोग होते हुए यातायात ठप हो गया। शिमला से किन्नौर और रामपुर के लिए बसें बाया बसंतपुर भेजनी पड़ीं। बर्फ के कारण यहां तापमान में भी भारी गिरावट आई है। लोग ठंड से ठिठुरने को मजबूर हो गए हैं। बागवानी के लिए यह बर्फबारी काफी लाभदायक मानी जा रही है।