मंडी। क्षेत्र में नवजात शिशुओं को कचरे के डिब्बों या झाड़ियों में फेंकने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई ने एक सराहनीय पहल की है। मंडी में ऐसे बच्चों के लिए एक पालना स्थापित कर लोगों से अपील की गई है कि वे अपने अनचाहे बच्चों को इधर- उधर फेंकने के बजाए सुरक्षित इस पालने में रखें।
बाल संरक्षण इकाई ने ऐसे बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जोनल अस्पताल मंडी में ब्लड बैंक के सामने, जहां शोर कम रहता है तथा लोगों का आना-जाना भी कम होता है, में एक शिशु स्वागत केंद्र की स्थापना की है। वहां एक पालना रखा गया है ताकि यदि कोई अपने अनचाहे बच्चे को चुपचाप इसमें रखे तो बच्चे की जान को कोई खतरा नहीं होगा। बाद में बाल संरक्षण इकाई बच्चे की देखभाल करेगी।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी मंडी दुनी चंद ठाकुर ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह जानकारी देते हुए कहा कि ऐसे अनाथ, बेसहारा, परित्यक्त बच्चों को जरूरतमंदों को गोद देकर उन्हें एक स्थायी पारिवारिक देखभाल दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिंदू अडोप्शन एंड मेंटीनेंस एक्ट 1956 के तहत बच्चों को दत्तक ग्रहण किया जा सकता है। इसलिए लोगों को बेसहारा बच्चों को गोद लेने के लिए बढ़चढ़ कर आगे आना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ अरसे में मंडी ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी प्रसव के बाद अनचाहे बच्चों को झाड़ियों, कूड़े के ढेर या डस्टबिन फेंकने की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। मंडी में बाल संरक्षण इकाई की इस पहल की लोगों में बहुत सराहना की जा रही है।
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