चंबा। चंबा जिला में विकास खंड मैहला के तहत उटीप पंचायत में बच्चों को हर बरसात में जान जोखिम में डालते हुए उफनता नाला पार कर स्कूल जाना पड़ता है। सरकार ने दस वर्ष पूर्व वहां सरड़ा नाले पर पुलिया के निर्माण के लिए तीन लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया था, लेकिन प्रशासन अभी तक भी पुलिया का निर्माण नहीं करा पाया।
उटीप पंचायत के तहत मांडू गांव में बरसात के मौसम में सरड़ा नाला हमेशा उफान पर रहता है, जिस कारण स्थानीय बच्चों को बड़ी मुश्किल से जान जोखिम में डाल कर इसे पार करना पड़ता है। बड़े बच्चे हाथ पकड़ कर चैन सी बना लेते हैं और फिर छोटे बच्चों को नाला पार कराते हैं। बहुत छोटे बच्चों को पीठ पर लाद कर पार कराया जाता है।(देखें वीडियो) इस प्रकार बच्चों को दिन में दो बार स्कूल जाते और आते समय अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। इसमें मामूली लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।
ग्रामीणों की पुरजोर मांग पर कुछ वर्ष पूर्व प्रशासन ने पुलिया का निर्माण शुरू भी कराया था। नाले के दोनों छोर पर कुछ काम हुआ भी, लेकिन बाद में बजट की कमी बता कर काम बंद कर दिया गया। अब वर्षों से यह जस की तस हालत में पड़ा है।
दिलचस्प बात यह है कि जिला प्रशासन ने हाल ही में भारी बरसात के दृष्टिगत क्षेत्र वासियों को नदी- नालों के निकट नहीं जाने की चेतावनी जारी कर रखी है, लेकिन स्कूली बच्चों की परेशानी को लेकर यह अनभिज्ञ बना हुआ है।
चंबा के उपायुक्त सुदेश मोक्टा से मीडिया ने इस संबंध में बात की तो उनका कहना था कि मामला उनके ध्यान में आया है। पुलिया का निर्माण शीघ्र पूरा करने के आदेश दे दिए गए हैं। (वीडियो और रिपोर्ट- विनोद कुमार)