लाहुल- स्पीति। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के गोंधला में पुलिस ने बाल मजदूरों की तस्करी करने वाले गिरोह के चंगुल से चार बच्चों को छुड़ा लिया। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों- तांदी निवासी अजय कुमार सुरेंद्र कुमार, रोहित कुमार, अजीत पाल और पालमो देवी को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
इस घटना के साथ ही एक बार फिर से यह साबित हो गया कि प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कुल्लू, मनाली, लाहुल- स्पीति में बाल मजदूरों की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही। यहां छोटे बच्चों को होटलों, ढाबों, दुकानों व लोगों के घरों में काम कराने के लिए बेचने की शिकायतें आम ही हो गई हैं। ज्यादातर मामलों में बच्चों की स्थिति बंधुआ मजदूरों की ही रहती है, क्योंकि उनके कार्य की कीमत पहले ही वसूल ली गई होती है।
केलंग से कुल्लू जा रही बस में सफर कर रहे एक जागरूक यात्री राजेंद्र ने गत दिवस पुलिस को सूचना दी कि उन्होंने कुछ बदमाशों को बस से बच्चों को पीट पीट कर उतारते देखा है। राजेंद्र ने पुलिस को बताया कि कुछ लोग गोंधला के पास एक मारूति वैन (एचपी-42-0130) में आए, उन्होंने बस को रुकवाया, उसमें से बच्चों को पीट-पीटकर उतारा और उन्हें वैन में बैठा कर ले गए। पुलिस ने इस सूचना के आधार पर तुरंत कार्रवाई करते हुए मारुति वैन को तांदी के पास रोक कर 4 बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया।
लाहुल- स्पीति के पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने मानव तस्करों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। ये लोग बच्चों को अगवा कर उन्हें बंधुआ मजदूर के तौर पर काम करवाने के लिए ले जा रहे थे। उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्चों को छुड़ाकर चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के पास भेज दिया गया है।
मीणा ने बताया कि चारों बच्चों ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि वे सभी बिहार के रहने वाले हैं। उन्हें कोई व्यक्ति रोजगार दिलाने के नाम पर यहां लाकर छोड़ गया था। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि स्थानीय स्तर पर लोगों के घरों में बच्चों को काम पर लगवाने वालों की भी तलाश की जा रही है ताकि मानव तस्करों के पूरे नेटवर्क को पकड़ा जा सके।