रिकांगपिओ (किन्नौर)। जनजातीय जिला किन्नौर में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना शौंगटोंग कड़छम के आंदोलनकारी मजदूरों और कंपनी के बीच आर- पार की लड़ाई शुरू हो गई है। बाहर से लाए गए बाउंसरों ने रविवार प्रातः मजदूरों के कैंप पर पथराव किया, उनके साथ मारपीट की और फिर कैंप को आग लगा दी। मजदूरों के आंदोलन को कुचलने में सरकार की भूमिका भी स्पष्ट नजर आ रही है। पुलिस ने पीड़ित मजदूरों के खिलाफ ही मामला दर्ज किया है। गत करीब तीन माह से चल रहे इस आंदोलन का नेतृत्व मजदूर संगठन सीटू कर रहा है।
वारदात की सूचना मिलते ही सीटू ने शिमला में राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर विरोध प्रकट किया और सरकार से मांग की कि बाऊंसरों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए अन्यथा वहां भी आईआईटी कमांद (मंडी) जैसी घटना हो सकती है। विजेंद्र मेहरा ने घोषणा की कि इस घटना के विरोध में नौ जून को प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किए जाएंगे।
सीटू नेताओं का आरोप है कि ठेकेदारों ने जम्मू- कश्मीर से दर्जनों बाउंसर बुलाए थे, जिन्होंने रविवार प्रातः इस वारदात को अंजाम दिया। सुबह करीब पांच बजे जब मजदूर सो रहे थे कि अचानक कैंप पर पथराव शुरू हो गया और उसके बाद मजदूरों के साथ जमकर मारपीट की गई। इसमें सात मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें रामपुर अस्पताल को रेफर किया गया है। यहां गत 24 मई को भी गुंडों मजदूरों के कैंप पर घातक हमला किया था।
मजदूरों- अर्जुन साहू, महादेव मुंडा, जितेंद्र पाल, राजेश कुमार, मर्शलन बैंगड़ा, कुशल होरो, जोगा सिंह और सोमर साहू आदि ने बताया कि पथराव से बचने के लिए वे कैंप से निकलकर सुरक्षित स्थान की ओर भागे थे कि पीछे से बदमाशों ने कैंप में आग लगा दी गई, जिससे उनका सारा सामान जल कर राख हो गया। वारदात के बाद सीटू नेताओं ने रिकांगपियो पुलिस थाना में मामला दर्ज करवाया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
शोंगटोंग कड़छम मजदूर यूनियन के महासचिव शक्ति कपूर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पटेल कंपनी और इसके ठेकेदारों पर मजदूरों की करोड़ों रुपये की देनदारी है। इससे बचने के लिए वे हड़ताली मजदूरों को शोंगटोंग परियोजना से भगाना चाहते हैं। इसमें कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की भी मिलीभगत है।
उन्होंने बताया कि गत चार अप्रैल को श्रम विभाग ने परियोजना में मजदूरों की नई भर्ती पर रोक लगा दी थी, लेकिन उसके बावजूद वहां मजदूरों की भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों ने मजदूरों के बहाने जम्मू कश्मीर से बाउंसर लाए हैं। उन्होंने ही आंदोलनकारी मजदूरों के साथ मारपीट और आगजनी की है।
किन्नौर के पुलिस अधीक्षक खुशाल शर्मा का कहना है कि सीटू और इंटक ने एक- दूसरे के खिलाफ क्रास एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि सीटू का कोई मजदूर घायल नहीं हुआ हैं, बल्कि जो मजदूर घायल हुए हैं वो इंटक के हैं। मामले की छानबीन की जा रही है।