शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में वर्ष 2016-17 के लिए बजट पेश किया, जिसमें 5,200 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना प्रस्तावित की गई है। यह वर्ष 2015-16 की वार्षिक योजना से 400 करोड़ रुपये अधिक है। इस 5,200 करोड़ में से 1,310 करोड़ अनुसूचित-जाति-उप योजना के लिए प्रस्तावित है, जबकि जन-जातीय उप-योजना के लिये 468 करोड़ तथा पिछड़ा क्षेत्र उप-योजना के लिये 65 करोड़ का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि वर्तमान में 11,978 करोड़ के कुल निवेश से 7 वाह्य सहायता प्राप्त योजनाएं- लोकनिर्माण, वन, ऊर्जा, पर्यटन एवं कृषि विभागों में कार्यान्वित की जा रही है। 31 मार्च, 2015 को राज्य का ऋण बोझ 35,151 करोड़ था। वर्ष 2016-17 में ब्याज व्यय 3,400 करोड़ रहने की सम्भावना है।
वीरभद्र सिंह ने विधायक निधि को 75 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने की घोषणा की, जिसका विधायकों ने सदन में मेजें थपथपा कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण पढ़ते हुए कहा, “हमने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन को अगले पांच वर्षों में 450 से बढ़ाकर 650 रुपये मासिक कर दिया जाएगा। हमने यह लक्ष्य 3 वर्ष में ही प्राप्त कर लिया है। इसी प्रकार 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धों को बिना किसी आय सीमा के सामाजिक सुरक्षा पैंशन को बढ़ाकर 1,100 कर दिया गया है और 70 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों की पेंशन बिना किसी आय सीमा के बढ़ाकर 1,100 की गई है।”
सकल घरेलू उत्पाद के अग्रिम अनुमानों के अनुसार वर्ष 2015-16 में 7.6 प्रतिशत की राष्ट्रीय वृद्धि दर की तुलना में प्रदेश की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। बीते तीन वर्षों में राज्य में प्रति व्यक्ति आय में 31 प्रतिशत वृद्धि हुई। वर्तमान कीमतों पर वर्ष 2012-13 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 98,996 थी, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 में बढ़कर 1,30,067 हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के लिए कुल 482 करोड़ रुपये, बागवानी विभाग के लिए 286 करोड़ रुपये, पशुपालन विभाग के लिये कुल 345 करोड़ रुपये, वन विभाग के लिए 522 करोड़ रुपये बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखा है।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत एवं पंचायती राज के लिए 1,549 करोड़, आपदा राहत के लिए 248 करोड़, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के लिए कुल 2,292 करोड़, बहुउद्देशीय परियोजनाएं तथा ऊर्जा विभाग के लिए कुल 1,154 करोड़, उद्योग विभाग के लिए 184 करोड़, श्रम एवं रोजगार विभाग के लिए 120 करोड़, हिमाचल पथ परिवहन निगम के लिए 250 करोड़, लोक निर्माण विभाग के लिए 3,054 करोड़, शिक्षा विभाग के लिए 6,013 करोड़, कौशल विकास भत्ता योजना के लिए 100 करोड़, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए 1,689 करोड़, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए कुल 404 करोड़ और जन-जातीय क्षेत्रों के लिए गैर योजना को सम्मिलित करते हुए 1,307 करोड़ का बजट आवंटन प्रस्तावित किया गया है।
राज्य में अतिरिक्त 2 लाख वर्ग मीटर के पॉली हाऊस बनाने के लिए 15 करोड़ रुपये, राजीव गाँधी सूक्ष्म सिंचाई योजना के लिए 10 करोड़ रुपये तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के लिए 236 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।