बद्दी। किसानों की मेहनत का अंदाजा उनके लहलहाते खेतों को देख कर ही लगाया जा सकता है। कुछ किसान ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने पेड़
यहां औद्योगिक क्षेत्र मानपुरा के निकट ग्राम पंचायत किशनपुरा में गांव चनालमाजरा में एक किसान हैं रामपाल, जिनके खेतों में उगी हल्दी की फसल को देखने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। रामपाल के खेतों में हल्दी के पौधे पांच फुट से भी अधिक ऊंचाई वाले हो गए हैं, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। यही नहीं उनके खेतों में अदरक और लहसुन की फसलें भी इसी प्रकार देखने लायक हैं। रामपाल से उनकी इस सफलता के बारे में पूछा गया तो वे इसका श्रेय अपनी पत्नी सुरेन्द्रा देवी को देते हुए कहते हैं कि, ”मेरी पत्नी के हाथ में जादू है। उसके हाथ से लगे पौधे हमेशा सामान्य से काफी अधिक लहलहाते हैं।ÓÓ
रामपाल ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से अपने खेतों में हल्दी, अदरक और लहसुन की पैदावार कर रहा है। यह पहली बार हुआ है जो उसके 1 बीघा के खेत में हल्दी के पौधे पांच फुट से भी अधिक ऊंचे उगे हैं। यही नहीं अदरक और लहसुन के पौधे भी सामान्य से काफी बड़े उगे हैं। रामपाल ने बताया कि हल्दी की 5 फुट से अधिक ऊंची फसल को देखकर हर कोई हैरान हो जाता है। आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग उसकी हल्दी, लहसुन और अदरक की फसलों को देखने आ रहे हैं।
सिंचाई विभाग में फिटर के पद पर तैनात रामपाल ने बताया कि वह पिछले 12 वर्षों से हल्दी, लहसुन, अदरक और अन्य सब्जियों की खेती कर रहा है। वह खेतों में हमेशा देसी गोबर की खाद का ही प्रयोग करता है। यही कारण है जो वैद्य व हकीम पंजीरी एवं देसी दवाइयां बनाने के लिए दूर-दूर से हल्दी लेने उसके पास आते हैं। हल्दी की गठियां 250 से 300 रुपये किलो तक में बिक जाती हैं।
इससे पूर्व हाल ही में चनालमाजरा के ही एक किसान एवं पंच संतराम ने भी अपने घर के आंगन में 6 फुट से अधिक लंबी लौकी उगाकर मिसाल कायम की थी।
कभी देखे हैं पांच फुट से भी ऊंचे हल्दी के पौधे?
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