देहरादून। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तरकाशी जिले के हर्षिल कस्बे को इनर लाइन (आंतरिक सुरक्षा रेखा) से मुक्त कर देशी- विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया है। इसके साथ ही अब नेलांग घाटी में भी विदेशी पर्यटक घूम सकेंगे। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में गत 19 जून को आदेश जारी किया था। जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने आदेश प्राप्त होने की पुष्टि की है।
उल्लेखनीय है कि 1962 में भारत- चीन युद्ध के बाद बने हालात को देखते हुए भारत सरकार ने उत्तरकाशी के इनर लाइन क्षेत्र (हर्षित) में पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था। लंबे समय से उत्तरकाशी के जागरूक प्रतिनिधि, होटलियर्स और ट्रेकिंग संचालक इस प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे थे। वर्ष 2015 में गृह मंत्रालय ने सामरिक दृष्टि से संवेदनशील नेलांग घाटी में भारतीयों को तो जाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन वहां विदेशियों के जाने पर प्रतिबंध बरकरार था।
जिला प्रशासन ने अप्रैल 2017 में इनर लाइन के संबंध में केंद्र सरकार को विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी, जिसका अध्ययन करने के बाद गृह मंत्रालय ने उक्त आदेश जारी कर दिया। आदेश के मुताबिक इनर लाइन अब हर्षिल कस्बे से 50 मीटर दूर होगी, जिसे स्थानीय प्रशासन ही चिह्नित करेगा। इसके साथ ही अब देशी- विदेशी सैलानी नेलांग घाटी की सैर कर सकेंगे। उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के अलावा चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में भी चीन सीमा से लगे इनर लाइन क्षेत्र हैं।
जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने इस आदेश को तत्काल लागू कर दिया है। अब विदेशी पर्यटक प्रशासन की बिना अनुमति के हर्षिल जाने के साथ ही वहां पर रात्रि विश्राम भी कर सकेंगे। इसके अलावा देशी पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक प्रशासन की अनुमति लेकर निलांग घाटी के लिए प्रस्थान कर सकेंगे।
गृह मंत्रालय के इस आदेश से क्षेत्र वासियों, विशेषकर पर्यटन कारोबारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस खूबसूरत सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटनीय गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।