देहरादून। उत्तराखंड में पारंपरिक पहाड़ी उत्पादों, क्रीड़ाओं, गीतों एवं व्यंजनों को प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खेल विभाग को निर्देश दिए हैं कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में खेले जाने वाले पारंपरिक खेलों- कबड्डी, गुल्लीडंडा, अडू, बाघ-बकरी, ठप आदि को चिन्हित कर उनका वर्गीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर इन खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने संस्कृति विभाग को भी निर्देश दिए कि अनुभवी शिल्पियों के सहयोग से एक पहाड़ी टोपी का डिजाइन तैयार किया जाए जो स्थानीय फैब्रिक से ही बनी हो। इसमें बांज का टसर, भीमल, कंडाली, भांग आदि के रेशों का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह टोपी उत्तराखंड की पहचान भी हो सकती है। मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग को विख्यात लोकगीत- बेड़ू पाको… व झुमेलो का डांडिया और भांगड़ा के साथ फ्यूजन तैयार करने के भी निर्देश दिए ताकि राज्य से बाहर भी इन गीतों को पहचान मिल सके।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाल ही में भांग की खेती को लाइसेंस और मिर्च, मंडुआ, झंगोरा, रामदाना व फाफरा के उत्पादन पर बोनस देने की भी घोषणा की है। राज्य में पहाड़ी व्यंजनों को प्रोत्साहित करने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।