शिमला। हिमाचल प्रदेश में भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त और बेनामी संपत्ति के मामलों की लंबी फेहरिस्त है। यहां पिछले लगभग डेढ़ दशक में सरकारी
प्रदेश में भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त के लिए सोलन जिला सबसे अधिक चर्चित रहा है। यहां विजिलेंस के पास एक और फर्जीवाड़ा जांच के लिए आया है, जिसमें दिल्ली की एक कंपनी शामिल है। विजिलेंस को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार दिल्ली की एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने सोलन में अपना प्रसार करते हुए स्थानीय एक व्यक्ति को निदेशक बनाकर बैंक व अन्य सभी कार्यों के लिए अधिकृत कर दिया। इसी बीच वर्ष 2009 में बतौर कंपनी निदेशक ने सोलन के साथ लगते बसाल गांव में दो भाइयों से 986 वर्गमीटर भूमि का सौदा किया। इस भूमि की किस्म आबादीदेह है, जिस पर बिना किसी भवन निर्माण के रजिस्ट्री नहीं हो सकती थी। दोनों पक्षों में वहां एक भवन बनाने की बात भी हो गई। कंपनी के निदेशक सुरेश शर्मा व भूमि मालिकों के बीच 32.50 लाख रुपये की डील हुई, जिसमें से सुरेश ने 17 लाख रुपये बतौर पेशगी भी दोनों भाइयों को दिए गए।
बताया जाता है कि इसी दौरान जब वह उक्त भूमि पर फ्लैट्स बनाने की औपचारिकताएं पूरी करवा रहा था तो कंपनी ने यहां के एक अन्य ग्रामीण राजकुमार को भी साथ मिलाकर निदेशक बना दिया। इसके बाद सरकार को इस भूमि की रजिस्ट्री में चूना लगाने के लिए कंपनी ने पहले निदेशक को किनारे करते हुए भूमि मालिकों के साथ फिर से अपने दूसरे निदेशक के नाम पर कागज बनवाए। इसमें साढ़े 32 लाख की जमीन को महज 10 लाख की दर्शाकर रजिस्ट्री भी करवा ली गई। यही नहीं जिस भूमि पर पहले कोई मकान नहीं था, रजिस्ट्री के समय यह भी लिखवा लिया गया कि इस भूमि पर लगभग तीस वर्ष पहले का बना मकान है।
बाद में कंपनी के ही पुराने निदेशक सुरेश शर्मा ने इस संबंध में सभी दस्तावेजों सहित स्टेट विजिलेंस को फर्जीवाड़े की शिकायत की। इस मामले में डीएसपी सोलन को जांच का जिम्मा सौंपा गया।आरोप लगाया गया है कि बाहरी राज्य की कंपनी ने धारा 118 से बचने के लिए इस तरह से भूमि का बेनामी सौदा किया है। इस संदर्भ में सोलन के डीएसपी विजिलेंस रमेश शर्मा ने बताया कि इस मामले में जांच चल रही है और विभाग की टीम भूमि के सौदे संबंधी दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है।
जाली दस्तावेज बनाकर बेच डाली पड़ोसी की जमीनः उना। अम्ब उपमंडल के तहत गांव चलेट में जाली दस्तावेज बनाकर दूसरे की लाखों की जमीन बेचने के आरोप में पुलिस ने दो व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। चलेट गांव के प्रकाश चंद पुत्र संतराम ने पुलिस को बताया कि इसी गांव के प्रकाश चंद पुत्र केहर सिंह और उसकी बहु किरण देवी ने पटवारी को अंधेरे में रखकर उसकी भूमि खसरा नंबर 2134 महाल चलेट की फर्द हासिल कर ली और उस जमीन को ब्रिजेश पुत्र प्रीतम चंद वासी मुबारिकपुर चौक को तीन लाख रुपये में बेच दिया। पुलिस चौकी दौलतपुर के प्रभारी हरजीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने जांच करने पर पाया कि उक्त अभियुक्तों ने धोखाधड़ी से जमीन को बेचा है। अभियुक्तों को अम्ब अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।