शिमला। गुड़िया रेप एंड मर्डर केस में सीबीआई जांच शुरू हो जाने के बावजूद जनता का गुस्सा शांत नहीं हो पाया है। इस केस में सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली के क्षुब्ध विभिन्न 22 संगठनों ने गुड़िया न्याय मंच के बैनर तले सोमवार को राजधानी में जोरदार प्रदर्शन किया और सचिवालय के सामने पुलिस से धक्का मुक्की करते हुए बैरिकेट्स तोड़ डाले। सभी वक्ताओं ने इस कांड में प्रदेश सरकार और पुलिस पर अन्यायपूर्ण नीति से कार्रवाई करने का आरोप लगाया और न्याय की मांग की। मंच ने घोषणा की है कि जब तक असली अपराधियों को सजा नहीं मिल जाती, आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलन का नेतृत्व मंच की संयोजिका एवं ‘गुड़िया’ की रिश्तेदार शारदा दमसेठ व गीता दमसेठ, माकपा के पूर्व राज्य सचिव राकेश सिंघा, पूर्व मेयर संजय चौहान, सीटू नेता कश्मीर सिंह, विजेंद्र मेहरा, किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर सहित अन्य विभिन संगठनों के पदाधिकारीगण- फालमा चौहान, बालक राम, रणवीर वर्मा, प्रीतपाल सिंह मट्टू, आरएल डोगरा, भीम सिंह, चंद्र कांत, कपिल भारद्वाज और बलवीर पराशर आदि ने किया।
आंदोलनकारियों ने सोमवार दोपहर उपायुक्त कार्यालय से सचिवालय के लिए मार्च निकाला। विशाल मार्च दोपहर 1:20 बजे सचिवालय के समीप पहुंचा। भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सचिवालय गेट के समक्ष बैरिकेट्स लगा दिए और गेट को बंद कर दिया। गुस्साई भीड़ ने पहले बैरिकेट्स तोड़े और फिर पुलिस जवानों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए गेट के ऊपर से सचिवालय परिसर में घुसने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वहां राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नेताओं ने गेट पर चढ़कर प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने ‘गुड़िया’ प्रकरण में प्रदेश सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
नेपाली एकता मंचः प्रदर्शन में नेपाली एकता मंच के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया और सबके सामने अपनी बात रखी। मंच ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही मुख्य आरोपी नहीं पकड़े गए तो जिला में नेपाली मूल के लोग कार्य का बहिष्कार कर देंगे। उल्लेखनीय है कि ‘गुड़िया’ प्रकरण में अभियुक्त बनाए गए एक नेपाली युवक की पुलिस लॉकअप में हत्या कर दी गई है। आरोप है कि पुलिस असली गुनाहगारों को बचाने के लिए गरीब नेपाली मजदूरों को बलि का बकरा बना रही है।
उल्लेखनीय है कि कोटखाई में गत 6 जुलाई को एक नाबालिग स्कूली छात्रा के साथ गैंगरेप और हत्या का मामला प्रकाश में आया था, जिसके विरोध में हिमाचल ही नहीं दिल्ली के जंतरमंतर और उत्तराखंड में भी लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।