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मंडी (धर्मपुर)। सरकारी भूमि पर कब्जा करने पर सरकाघाट उपमंडल के तहत ग्राम पंचायत समैला की प्रधान योगिंद्रा देवी का चुनाव एसडीएम की अदालत ने अवैध घोषित कर दिया है। पंचायत प्रधान के पति ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया था और प्रधान बनी योगिंद्रा देवी ने चुनावों के दौरान अपने नामांकनपत्र में इस बात को छुपाया था। शिकायतकर्ता कांता देवी ने इस संबंध में आरटीआई के तहत सूचना अर्जित कर उपमंडल अधिकारी की अदालत में प्रधान के चुनाव तो चुनौती दी थी। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए पंचायत प्रधान के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया।
शिकायतकर्ता के वकील अरुण शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पंचायती राज एक्ट 1994 की धारा 122 के तहत अगर चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया जाता है या प्रत्याशी के परिवार में पति, पत्नी, अविवाहित बेटे या बेटी ने भी अवैध कब्जा किया है, तो उसे चुनाव के लिए अयोग्य माना जाता है। उन्होंने बताया कि इसी के तहत समैला पंचायत की प्रधान का चुनाव रद्द किया गया है। महिला प्रधान के पति ने सरकारी भूमि पर किए अवैध कब्जे को नियमित करने के लिए सरकार से आवेदन भी किया हुआ था। इसकी पुष्टि संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत दस्तावेजों से हुई है।
एडवोकेट अरुण शर्मा का कहना है कि इस सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे का खुलासा करने में सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसी के परिणाम स्वरूप पंचायत प्रधान को अपने पद से हाथ धोना पड़ा।
गोपालपुर के कार्यवाहक खंड विकास अधिकारी प्रताप चौहान ने भी पुष्टि की है कि समैला पंचायत की प्रधान योगिंद्रा देवी का चुनाव सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के कारण एसडीएम सरकाघाट की कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।