शिमला। राजधानी शिमला में पिछले एक माह से बिकराल पेयजल संकट के चलते पब्लिक का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है। बीती आधी रात को शहर की क्रुद्ध भीड़ रोष जताने मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ी, जिसे पुलिस ने बल प्रयोग कर रोका। मंगलवार को नगर निगम के पूर्व महापौर एवं माकपा नेता संजय चौहान के नेतृत्व में लोगों ने निगम कार्यालय पर धावा बोल दिया। पेयजल संकट पर भाजपा शासित नगर निगम ने एक तरह से हाथ ही खड़े कर दिए हैं।
इस भीषण गर्मी में शहर के कुछ क्षेत्रों में तो दो-दो सप्ताह से पानी की आपूर्ति नहीं हुई है। माना जा रहा है कि टैंकर माफिया को लाभ पहुंचाने के प्रयासों में शहर की पेयजल वितरण व्यवस्था इस कदर चरमरा गई कि अंततः प्रशासन के हाथ खड़े हो गए। जनता खाली बर्तनों के साथ लगातार जगह-जगह धरना प्रदर्शन व चक्का जाम कर रही है, लेकिन प्रशासन समस्या का समाधान करने में विफल रहा।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी पेयजल संकट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए नगर निगम के आयुक्त और अधिशाषी अभियंता तलब किया। दोनों को राजधानी में पेयजल आपूर्ति की स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। लगातार गहराते जा रहे पेयजल संकट के कारण सोमवार को शहर में अधिवक्ताओं ने भी काम का बहिष्कार किया।
मुख्यमंत्री ने संभाला मोर्चाः पेयजल संकट से निपटने में निगम प्रशासन के हाथ खड़े कर देने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को आगे कर कमान संभालनी पड़ी। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त और निगम आयुक्त को तलब कर उच्च अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया। अफसरों को फील्ड में उतार कर सीएम हर घंटे अपडेट ले रहे हैं।
हिमाचल में पेयजल आपातकालः हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुखविंद सिंह सुक्खू मौजूदा पेयजल संकट को पेयजल आपातकाल की संज्ञा देते हुए कहा कि शिमला शहर में पहले कभी भी ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार और नगर निगम की नालायकी के कारण पर्यटकों की नजर में राज्य की छवि धूमिल हुई है। पर्यटन सीजन भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
शिमला नगर निगम के पूर्व महापौर एवं माकपा नेता संजय चौहान ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और नगर निगम ने टैंकर माफिया को लाभ पहुंचाने के प्रयास में शहर की जनता गंभीर पेयजल संकट में धकेल दिया है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा कि पेयजल स्रोतों में पानी की इतनी कमी नहीं है, जो लोगों को दो- दो सप्ताह तक भी पानी मुहैया न करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार व नगर निगम ने ग्रीष्मऋतु को टैंकर माफिया के माध्यम से कैश करने का कुप्रयास किया, जिससे पेयजल वितरण व्यवस्था तहस- नहस को गई। यह शहर वासियों के साथ बड़ा धोखा है।
संजय चौहान ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के भीतर समस्या का ठोस समाधान नहीं निकाला गया तो पूरे शहर को जाम कर दिया जाएगा।