चमोली (बदरीनाथ)। उत्तराखंड के विख्यात धार्मिक स्थल श्रीबदरीनाथ धाम की आचार
गौरतलब है कि श्री बदरीनाथ में अभी तक सिर्फ मुख्य पुजारी (रावल), धर्माधिकारी, भीतरी बड़वा, डिमरी पुजारी के साथ-साथ भोगमंडी में राजभोग बनाने वाले हक हकूकधारी ही धोती में नजर आते थे। लेकिन इस बार मंदिर समिति के पदाधिकारियों, कर्मचारियों, स्वयं सेवकों और भगवान की आरती बनाने वाले घड़िया (स्थानीय हक हकूकधारी) सहित अधिकारियों के लिए भी प्रार्थना कक्ष में धोती पहनकर ही प्रवेश का नियम लागू किया गया है। प्रार्थना कक्ष के बाहर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी भी धोती में तैनात हैं।
मंदिर समिति के सूत्रों के अनुसार दिल्ली में बदरीनाथ के मुख्य पुजारी पर लगे छेड़खानी के आरोपों के बाद समिति ने आचार संहिता में कई नए बदलाव किए हैं। इनमें पुजारियों के घर पर लगने वाले दर्शन दरबार को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसलिए इन दिनों पुजारियों के निवासों पर कम ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं। महिला श्रद्धालुओं को तो पुजारी निवास में पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।
श्रीबदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह का इस बारे में कहना है, ‘‘ मंदिर में सभी के लिए धोती में काम करना एक अच्छी परंपरा है। मैं स्वयं भी मंदिर के अंदर धोती पहनकर ही प्रवेश करता हूं ताकि यह नियम सब पर लागू हो।’’