धर्मशाला। धर्मशाला में सत्ताईस जनवरी को भारत और इंग्लैंड के मध्य प्रस्तावित एक दिवसीय क्रिकेट मैच कई मायनों में अहम माना जा रहा है। तकनीकी जानकारों के अनुसार गेंदबाजी के खराब दौर से गुजर रही भारतीय क्रिकेट टीम के लिए यह मैच काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। वर्षों पूर्व कश्मीर में श्रीनगर के क्रिकेट मैदान को उग्रवाद के कारण बंद किये जाने के बाद से भारतीय खिलाडिय़ों को ऊंचाई वाले ठंडे क्षेत्रों में अभ्यास के मौके नहीं मिल रहे थे, जिस कारण न्यूज़ीलैंड, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका तथा इंग्लैंड जैसे देशों में हमारी टीमों को परेशानी झेलनी पड़ती थी। इस एक दिवसीय मैच के बाद धर्मशाला का स्टेडियम भारतीय टीम के लिए यह कमी पूरी कर सकेगा।
धर्मशाला में घास वाली विकेट होने के कारण मैच की शुरुआत में तथा सूरज ढलने से पूर्व तेज गेंदबाजों को पिच पर और हवा में भी गेंद की तेज मूवमेंट मिलती है। यहां मैच सुबह नौ बजे शुरू होगा, इसलिए दोनों ही टीमों को गेंद की मूवमेंट का लाभ मिले सकेगा।
पिच क्यूरेटर सुनील चौहान के अनुसार इस मैच के लिए बनाई गयी विशेष पिच 100 ओवर तक एक जैसा खेलेगी। सीधे बल्ले से खेलने वाला बल्लेबाज लंबी पारी खेल पायेगा। विकेट पर गेंदबाजी करनेवाले तेज एवं फिरकी गेंदबाजों को भी लाभ मिलेगा। इस मैदान पर नए रिकार्ड भी बन सकते हैं, क्योंकि यहां की तेज आउट फील्ड है। भारत के भुवनेश्वर कुमार तथा सामी के लिए यह पिच वरदान सिद्ध हो सकती है।
मौसम विज्ञानी धर्मशाला में 25 से 28 जनवरी तक खराब मौसम की भविष्यवाणी कर रहे हैं। क्रिकेट प्रेमी कामना कर रहे हैं कि मौसम से संबंधित यह भविष्यवाणी गलत साबित हो ताकि वे गुनगुनी धूप में मैच का भरपूर आनंद उठा सकें। भारत -इंग्लैंड के बीच खेला जा रहा यह मैच इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि यह श्रृंखला का पांचवां एवं अंतिम मैच होगा तथा इसी मैदान पर सर्वश्रेष्ठ टीम तथा खिलाडिय़ों को पुरस्कार भी दिए जायेंगे।
धर्मशाला में अंतर्राष्ट्रीय मैचों की श्रृंखला में खेला जाने वाला यह पहला मैच होगा। सौ से अधिक देशों में इस मैच का सीधा प्रसारण होने के कारण इसे यहां पर्यटन की दृष्टि से भी काफी अहम माना जा रहा है।