मंडी (जोगेंद्रनगर)। लचर प्रशासन और बेरहम ठेकेदारी व्यवस्था ने रोजगार के लिए बनारस से जोगेंद्रनगर पहुंचे 11 मजदूरों को भुखमरी की
प्राप्त जानकारी के अनुसार आइपीएच विभाग के तहत शानन-चतुर्भुजा पेयजल योजना का काम करवा रहे एक ठेकेदार ने इस लेबर को इसी साल अक्तूबर माह में पंजाब के बहराम से यहां लाया था। मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार ने मजदूरी तो करवाई, लेकिन अब लगभग 90 हजार रुपये का भुगतान नहीं कर रहा है। वे सभी चलारघ पंचायत के कमेहड़ में किराये पर रहते हैं और अब उन्हें रोटी के भी लाले पड़ गए हैं। मजदूर राजेश कुमार और महेंद्र सिंह ने शनिवार को अपनी शिकायत आइपीएच विभाग के पद्धर स्थित एक्सइएन से की और आग्रह किया कि जब तक उन्हें मजदूरी नहीं मिल जाती, ठेकेदार का भुगतान रोक दिया जाए। दोनों मजदूरों्र ने कहा कि जिस दुकानदार से वे राशन लेते रहे, उसने भी अब हाथ खड़े कर दिए हैं, क्योंकि उसका भी हजारों रुपये बकाया बाकी है।
ये मजदूर मूल रूप से बनारस के हैं, लेकिन पिछले लगभग 15 वर्षों से पंजाब के बहराम में किसी फैक्ट्ररी के लिए काम करते रहे हैं। जोगेंद्रनगर स्थित आइपीएच सब डिवीजन के तहत निर्माणाधीन शानन-चतुर्भुजा पेयजल योजना की पाइप लाइन बिछाने के लिए खुदाई का काम मंडी की सदर तहसील से संबंधित एक ठेकेदार से करवाया जा रहा है, जिसमें इन चार महिला व सात पुरुषों ने मजदूरी शुरू की। मजदूरों का आरोप है कि उनसे काम तो करवा लिया गया मगर अभी तक उनका 90 हजार रुपया बकाया है, जिसका भुगतान ठेकेदार नहीं कर रहा है। उनका यह भी आरोप है कि ठेकेदार ने अपना काम बंद करवाकर उन्हें किसी अन्य ठेकेदार के रहमोकरम पर छोड़ दिया और अब उनकी कोई नहीं सुन रहा।
आइपीएच विभाग मकरीड़ी के जेई केसी ठाकुर का कहना है कि संबंधित ठेकेदार के बिल का भुगतान अभी बकाया है, जिससे मजदूरों का भुगतान किया जा सकता है।
उधर, इस संबंध में ठेकेदार का कहना है कि इन मजदूरों के केवल आठ हजार रुपये बकाया है, जो पेमेंट मिलने पर अदा कर दिए जाएंगे।
बेरहम ठेकेदार ने मजदूरों को बना दिया भिखारी
Advertisement