देहरादून। सीबीआई की हिरासत में चल रहे आचार्य बालकृष्ण की मुश्किलें घटने का नाम नहीं रहीं। सीबीआई ने उनके शिक्षा संबंधी रिकार्ड
सीबीआई की चार्जशीट में यह उल्लेख है कि बालकृष्ण ने छठी कक्षा से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई दो वर्ष में पूरी की। बालकृष्ण द्वारा दिए शैक्षिक रिकार्ड के मुताबिक, उन्होंने 12 जुलाई 86 को श्रीमद दयानंद वेदार्ष महाविद्यालय न्यास, गौतमनगर में छठी कक्षा में दाखिला लिया। उसके बाद उन्होंने खुद को वहां आठवीं पास करना दर्शाते हुए 31 मई 1988 को स्कूल छोडऩा बताया। 21 मई 1997 को श्री राधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय खुर्जा से जारी दो सर्टिफिकेट में बालकृष्ण को 1991 में पूर्व मध्यमा (हाई स्कूल) पास होना और वर्ष 1996 में शास्त्र की डिग्री लेना दर्शाया गया है। सीबीआई ने जांच में यह पूरा रिकार्ड फर्जी पाया। साथ ही यह भी पाया कि श्रीमद दयानंद वेदार्ष महाविद्यालय न्यास में एक छात्रा का नाम रजिस्टर में काटकर बालकृष्ण का नाम उस क्रमांक पर लिखा गया। छानबीन में महाविद्यालय में यह रिकार्ड फटा मिला। सीबीआई ने फटे हुए रजिस्टर भी कब्जे में ले लिए। सूत्रों के अनुसार सीबीआई जल्द ही श्रीमद दयानंद वेदार्ष महाविद्यालय न्यास गौतमनगर के अधिकारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने आचार्य बालकृष्ण समेत खुर्जा (बुलंदशहर) स्थित श्री राधा-कृष्ण संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य नरेश चंद्र द्विवेदी के विरुद्ध भी चार्जशीट दाखिल की थी, मगर जांच पूरी होते-होते इसमें कई और नाम जुडऩे की बात सामने आ रही है। इस कड़ी में श्रीमद दयानंद वेदार्ष महाविद्यालय न्यास, गौतमनगर (दिल्ली) के कुछ अधिकारियों के नाम भी शामिल हो सकते हंै।
यह भी बताया गया कि आचार्य बालकृष्ण ने सीबीआई को इंटरमीडिएट का रिकार्ड ही नहीं दिया। जांच में सीबीआई को बालकृष्ण की शिक्षा का जो रिकार्ड मिला, उसे वह फर्जी मान रही है। ऐसे में इंटरमीडिएट की डिग्री कहां है, इसका जवाब दोनों महाविद्यालयों और बालकृष्ण के पास भी नहीं है।
योगगुरु बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर और नागरिकता छुपाकर भारतीय पासपोर्ट हासिल करने का आरोप है। आरोप है कि वह मूलत: नेपाल के नागरिक हैं। लगभग एक साल चली जांच के बाद सीबीआई ने बालकृष्ण को शुक्रवार को हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से गिरफ्तार किया था। अगले दिन सीबीआई मजिस्ट्रेट की अदालत ने उनकी जमानत अर्जी नामंजूर कर उन्हें नौ दिन न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश देते हुए जेल भेज दिया। इस मामले में सीबीआई टीम सह-आरोपी खुर्जा (बुलंदशहर) स्थित श्री राधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य नरेश चंद्र द्विवेदी की तलाश कर रही है।
बालकृष्ण की गिरप्तारी के विरोध में सीबीआई के रिटायर्ड जज इंद्रजीत मल्होत्रा ने रविवार जेल के बाहर मौन व्रत रखा, जो देर रात तक चला। यहां डालनवाला निवासी श्री मल्होत्रा आचार्य बालकृष्ण के समर्थक हैं।
बालकृष्ण के फर्जी डिग्री मामले में नित नए खुलासे
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